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This Article is From May 30, 2017

रमजान 2017: जानें इफ्तार में क्या है खजूर का महत्व

रमजान का पाक महीना आ गया है. यह माह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खास अहमियत रखता है. रमजान का महीना इस्लामिक कलैण्डर का नौवां महीना होता है

रमजान 2017: जानें इफ्तार में क्या है खजूर का महत्व
  • खजूर तात्कालिक ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायक है.
  • रमजान के पाक महीने को कुरान के महीने के नाम से भी जाना जाता है
  • खजूर स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है
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रमजान का पाक महीना आ गया है. यह माह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खास अहमियत रखता है. रमजान का महीना इस्लामिक कलैण्डर का नौवां महीना होता है. माना जाता है कि इस महीने में की गई दुआ सचमुच अल्लाह के आशीर्वाद से बक्शी जाती है और सीधे जन्नत तक पहुंचाती है. मान्यता तो यह भी है कि इस समय नरक के द्वार बंद रहते हैं, जिसके पीछे शैतान बंधे होते हैं. 

रमजान के पाक महीने को कुरान के महीने के नाम से भी जाना जाता है. इस महीने के दौरान हर मुसलमान को ज्यादा से ज्यादा कुरान पढ़ने को कहा जाता है. कहते हैं इस महीने में की गई दुआ अल्लाह कबूल करता है. रमजान के दौरान हर मुसलमान रोज़े का पालन करता है और सूर्यास्त होने पर इफ्तार के साथ इसे तोड़ता है. रमजान का महीना वास्तव में हर मुसलमान के लिए अनुशासन, आत्म-नियंत्रण, बलिदान और सहानुभूति जगाने का महीना है. और रोजा इन्हीं पवित्र भावनाओं का प्रतीक है. रमजान के दौरान मुसलमान शराब और स्त्री के बारे में गलत विचार से दूर रहते हैं. 
 
dates and figs fudge

रमजान के दौरान मुसलमान शराब और स्त्री के बारे में गलत विचार से दूर रहते हैं. 

रमजान के महीने में हर दिन रोजा रखने वाले मुस्लिम परिवार सुबह जल्दी उठ कर भोजन लेने हैं, जिसे सहरी कहा जाता है. सहरी सूरज उगने से पहले ली जाती है. इसे बाद पूरे दिन भूखे प्यासे और दुआओं में बने रहने के बाद सूर्यास्त पर पूरा परिवर इफ्तार करता है. मान्यता के अनुसार इफ्तार से पहले खजूर से अपना रोज़ा खोलना होता है. 

इफ्तार का भोजन काफी भव्य होता है. इसमें रमजान के कुछ खास व्यंजन भी होते हैं. कबाब, बिरायन, शर्बत और डेसर्ट से लेकर, मुस्लिम परिवार में खजूर की उपस्थिति के बिना इफ्तार के आहार की कल्पना करना असंभव है.
 
biryani
इफ्तार का भोजन काफी भव्य होता है

हदीस (पैगंबर मुहम्मद के शब्दों का संग्रह) में कई उदाहरण हैं, जहां इफ्तार में फल को बहुत महत्व दिया गया है. पैगंबर ने एक अच्छे मुस्लिम की तुलना एक खजूर के पेड़ से की है. मान्यता है कि जब किसी को अपना उपवास तोड़ना होता है, तो उन्हें खजूर पर ही तोड़ना चाहिए. अगर उसके पास खजूर नहीं है, तो वह पानी पर तोड़ सकता है क्योंकि यह शुद्ध है. 

विज्ञान की नजर से

खजूर के साथ उपवास तोड़ने का सांस्कृतिक महत्व तो है ही इसके अलावा दुनिया भर के विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक रूप से भी इसका समर्थन किया गया है. 

•    कहा जाता है कि खजूर शरीर में ऊर्जा देता है. दिन भर उपवास से शरीर की ऊर्जा नष्ट हो सकतर है और शरीर डीहाइड्रेट हो सकता है. ऐसे में कम रक्त शर्करा, सिरदर्द और सुस्ती महसूस हो सकती है. ऐसे में खजूर से उपवास को तोड़ना काफी मददगार साबित होता है. क्योंकि यह शरीर के पाचन रस को छिपाने के लिए भोजन के प्रवाह में लेने के लिए सक्रिय करता है. 

•    प्राकृतिक शर्करा में समृद्ध होने के कारण, खजूर तात्कालिक ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायक है. 

•    खजूर कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरे हुए होते हैं फाइबर शरीर को भरा हुआ महसूस कराता है और इसे भूख महसूस करने से रोकता है. 
 
dates
खजूर तात्कालिक ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायक है. 

•    खजूर 54 फीसदी चीनी और 7 फीसदी प्रोटीन युक्त होता है. यह उन लोगों के लिए बहुत सही है जिन्हें दिल के रोग हैं. 

•    कहा जाता है कि खजूर स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है और पाचन की प्रक्रिया में भी सहायता करता है. 

•    खजूर एक उच्च मैग्नीशियम आहार है जो शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी और इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है. 

•    इफ्तार में निश्चित रूप से खजूर लेना होता है. कभी-कभी और डेसर्ट, आम तौर पर जिसमे खजूर का उपयोग करते हैं जैसे, खीर, फ़िरनी या शिरमल हो सकती है.

रमजान मुबारक हो!

 

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