
- इस साल होली 2019 का पर्व 20 मार्च को मनाया जाएगा.
- होली का त्योहार दो दिन तक चलता है पहले दिन छोटी होली मनाई जाती है.
- रंगवाली होली को दुल्हंदी के रूप में भी जाना जाता है.
होली का त्योहार नजदीक है और इस त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह की भी देखा जा सकता है. जैसाकि सर्दी का मौसम खत्म हो गया है और वसंत ऋतु की शुरूआत हो गई है और वसंत ऋतु से ही त्योहारों की शुरूआत हो जाती है. होली एक ऐसा भारतीय त्योहार है जो अक्सर फरवरी या मार्च के महीने के आखिरी में मनाया जाता है. इस साल होली 2019 का पर्व 20 मार्च को मनाया जाएगा. फाल्गुन के महीने में पड़ने वाला होली का त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है- होली का त्योहार दो दिन तक चलता है पहले दिन छोटी होली मनाई जाती है और दूसरे रंग वाली होली. रंग वाली होली को दुल्हंदी के रूप में भी जाना जाता है.
होली उपमहाद्वीप के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है; देश के हर क्षेत्र में इस त्योहार का अपना अलग रंग देखने को मिलता है. देश के ज्यादातर हिस्सों में होली का पर्व एक दूसरे को रंग लगाकर और पानी में भिगोकर खेला जाता है. इतना ही नहीं खुशी के इस पर्व के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लेते हैं. ब्रज और उत्तर प्रदेश जैसे हिस्सों में लठमार होली की परंपरा बहुत लोकप्रिय है, जिसमें महिलाएं हाथों में लाठी या डंडे लेकर पुरूषों का पीछा करती हैं. इसके बाद सब एकत्रित होकर लोकगीत और स्वादिष्ट व्यंजनों का मजा लेते हैं. बंगाल और उड़ीसा में होली के समारोह का अलग ही नजारा देखने को मिलता है, यहां लोग लोकगीतों पर नृत्य प्रस्तुत करने के साथ झूलों (डोल जात्रा) पर खेलते हैं. वहीं दक्षिण भारत में, लोग हिंदू पौराणिक कथाओं के देवता कामदेव को प्रसाद चढ़ाते हैं.
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Holi 2019: होली का महत्व
होली के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, कहा जाता है हिरण्यकश्यप एक शक्तिशाली शासक था जिसे भगवान शिव से विशेष वरदान प्राप्त था. वरदान के अनुसार, कोई भी आदमी या जानवर उसे नहीं मार सकता था; उसे दिन या रात के मध्य नहीं मारा जा सकता था. इस वरदान को पाकर हिरण्यकश्यप खुद को ईश्वरीय शक्तियों वाला अजेय शासक समझने लगा था. उसका एक पुत्र था, जिसका नाम प्रह्लाद था, जोकि भगवान विष्णु का सच्चा भक्त था, लेकिन उसके पिता को यह बात अस्वीकृत थी. एक दिन उसने प्रहलाद को मारने का फैसला किया और इसके लिए अपनी बहन होलिका से मदद मांगी. होलिका को भी एक विशेष वरदान प्राप्त था. उसको वरदान था कि वह आग में से बिना किसी हानि के बाहर आ सकती है और अपनी योजना के तहत वह जलती हुई आग कि चिता में प्रह्लाद के साथ बैठ गई. इस दौरान प्रह्लाद भगवान विष्णु के नाम का जाप करते हुए बाहर निकल आया और होलिका आग में जल गई और मदद के लिए पुकारती रही. इस प्रकार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है.
Holi 2019: होली पर बनाएं जानें वाले व्यंजन
अन्य त्योहार की तरह होली पर भी ढेर सारे पकवान बनाएं जाते हैं जिनमें से गुजिया मुख्य है, खोए और गुड़ से इसकी फीलिंग तैयार करके इसमें भरने के बाद इसे फ्राई किया जाता है. मालपुआ भी एक और बेहतरीन डिजर्ट है जिसे होली के मौके पर लोग खाना पसंद करते हैं. उत्तर भारत में होली के मौके पर लोग चाट जैसे आइटम बनाना पसंद करते हैं, जिनमें दही भल्ला, चाट पापड़ी और गोल गप्पे जैसे चीज़े शामिल हैं. वही पेय पदार्थो की बात करें तो होली पर दूध और ड्राई फ्रूट्स से तैयार की गई ठंडाई बनाएं जाने का चलन है जो आपको सारा दिन हाइड्रेटेड रखती है. इसके अलावा चटपटी मसालेदार कांजी भी होली पर खूब चाव से पी जाती है, यह पेय पदार्थ राजस्थान और गुजरात में भी काफी हिट है.

अन्य त्योहार की तरह होली पर भी ढेर सारे पकवान बनाएं जाते हैं जिनमें से गुजिया मुख्य है.
हैप्पी होली 2019..
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