विज्ञापन
This Article is From Nov 17, 2020

कब से शुरू होगा छठ पूजा का पर्व, जानें इस त्योहार से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

बिहार के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है छठ पूजा. उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे अन्य राज्यों में भी इसे मनाया जाता है.

कब से शुरू होगा छठ पूजा का पर्व, जानें इस त्योहार से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बिहार के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है छठ पूजा.
उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे अन्य राज्यों में भी इसे मनाया जाता है.
यह त्योहार में चार दिनों तक चलता है.

बिहार के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है छठ पूजा. उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे अन्य राज्यों में भी इसे मनाया जाता है. कुछ सालों से इसे राजधानी दिल्ली में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह शायद इन राज्यों से बड़ी आबादी में अब दिल्ली में आकर कर बस गए हैं. यह त्योहार में चार दिनों तक चलता है जिसमें सूर्य देवता की अराधना की जाती है, इस दौरान अधिकांश भक्त उपवास रखते हैं. छठ का पर्व अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है, इस त्योहार को प्रतिहार, डाला छठ और सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है.

High-Protein Diet: वजन घटाने में होंगे मददगार काले चने से बनने वाले यह स्वादिष्ट कबाब

छठ पूजा 2020: समय और तिथि:

इस साल छठ पूजा का उत्सव 18 नवंबर 2020 से शुरू होकर और 21 नवंबर 2020 को समाप्त होगा.

4 दिनों के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त मुहूर्त:

दिन 1- चतुर्थी (नहाय खाय)

सूर्य उदय: प्रातः 06:45

सूर्यास्त: सायं 05:25

दिन 2- पंचमी (लोहंडा और खरना)

सूर्य उदय: प्रातः 06:46

सूर्यास्त: सायं 05:25

दिन 3- षष्ठी (छठ पूजा, संध्या अर्घ्य)

सूर्य उदय: प्रातः 06:47

सूर्यास्त: सायं 05:25

दिन 4- सप्तमी (उषा अर्घ्य, पारण दिवस)

सूर्य उदय: प्रातः 06:48

सूर्यास्त: सायं 05:24

(स्रोत: द्रिकपंचाग डॉटकॉम)

यहां जाने छठ पूजा से जुड़ी 10 जरूरी बातें:

1. यह त्योहार हिंदू देवता सूर्य को धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है.

2. छठ के दौरान व्रत रखने वाले भक्त को व्रती कहा जाता है. भक्तों इन चार दिनों तक उपवास रखते है.

3. छठ में सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान नदी तट पर प्रार्थना के इक्कठा होते हैं. वैज्ञानिक रूप से, सौर ऊर्जा में इस समय के दौरान पराबैंगनी विकिरणों का स्तर सबसे कम होता है, जो इसे शरीर के लिए फायदेमंद होता है.

4. पहला दिन - नहाई खाई - पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर या गंगाजल (पवित्र जल) छिड़ककर और सूर्य भगवान की पूजा करके शुरू किया जाता है जिसके बाद चना दाल के साथ कद्दू-भात (कद्दू की सब्जी और चावल) तैयार करके खाया जाता है.

5. पहले दिन, भक्त सुबह के भोजन के अलावा, अगले दिन की शाम (खरना) तक भोजन करते हैं, जहां वे खीर, चपातियां और फल खाते हैं. दूसरे दिन को लोहंड के नाम से जाना जाता है.

6. तीसरे दिन को पहला अर्घ/ सांध्य अर्घ कहा जाता है. व्रत रखने वाले लोग इस दिन कुछ भी खाने से पूरी तरह परहेज करते हैं. डूबते सूरज की पूजा की जाती है और शाम को अर्घ दिया जाता है.

7. अंतिम दिन - दूसरा अर्घ/ सूर्योदय अर्घ - इस दिन सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ देते पूजा करते है और अपना व्रत खोलते हैं और इसके बाद भक्त खीर, मिठाई, ठेकुआ और फल सहित छठ प्रसाद का सेवन करते हैं.

8. चावल, गेहूँ, ताज़े फल, सूखे मेवे, नारियल, मेवे, गुड़ और घी में छठ पूजा के प्रसाद के साथ-साथ पारंपरिक छठ भोजन बनाया जाता है.

9. छठ के दौरान बनने वाला भोजन - विशेष रूप से छठ पूजा का प्रसाद - प्याज, लहसुन और नमक के बिना तैयार किया जाता है. कुछ भक्त सेंधा नमक का उपयोग करते हैं.

10. यह त्योहार नई फसल के उत्सव का भी प्रतीक है. सूर्यदेव को दिए जाने प्रसाद में फल के अलावा इस नई फसल से भोजन तैयार किया जाता है.

सभी को छठ पूजा की शुभकामनाएं!

सर्दी में मिलने वाले ये सात फल और सब्जियां शरीर में आयरन की कमी को करेंगे पूरा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com