
गीतकार प्रसून जोशी.
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प्रसून जोशी अच्छे गीतकार और ऐड लेखक हैं.
प्रसून जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गाँव में हुआ था. उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है. उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं नरेन्द्रनगर में हुई, जहां उन्होंने एमएससी और उसके बाद एमबीए की पढ़ाई की. गीतकार, पटकथा लेखक और विज्ञापन गुरु प्रसून जोशी का कहना है कि उन्हें ऐसे बोल वाले गीत नहीं भाते, जो अटपटे हों. ऐसे गीत और उसकी धुन सुनकर उनका खून खौल उठता है. प्रसून कहते हैं कि जब मैंने इस प्रकार के गीत और उनके बोल सुने, मेरा खून खौल उठा था. मैं काफी नाखुश और गुस्से से भरा हुआ था. मनोरंजन के लिए आप किसी भी चीज के साथ समझौता नहीं कर सकते.
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विज्ञापन जगत के दिग्गज प्रसून मानते हैं कि उन्हें 'हवन करेंगे', 'मस्ती की पाठशाला' और 'गेंदा फूल' जैसे गीत पसंद आते हैं. उनका कहना है कि हर कोई बिना समझौता किए इन पर थिरक सकता है.
प्रसून का यह भी मानना है कि दर्शक या श्रोता ही बदलाव ला सकते हैं, अगर वह इस प्रकार के अटपटे बोल वाले संगीत को अस्वीकार कर दें. उनका कहना है कि इस विकल्प से दर्शक या श्रोता बदलाव ला सकते हैं. उनके पास ताकत है. जिस दिन वह इस प्रकार की चीजों को स्वीकार करना बंद कर देंगे, लोगों को बदलाव नजर आएगा.
VIDEO: एनडीटीवी के कार्यक्रम में प्रसून जोशी
बता दें कि उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई है. दिल्ली ६’, ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘हम तुम’ और ‘फना’ जैसी फ़िल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे हैं. फ़िल्म ‘लज्जा’, ‘आंखें’, ‘क्योंकि’ में संगीत दिया है. ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ एवं ‘बार्बर शॉप-ए जा बाल कटा ला’ जैसे प्रचलित विज्ञापनों के कारण उन्हे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली.
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