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This Article is From Mar 09, 2012

दिल को छू जाती है विद्या की 'कहानी'

मुंबई: लंदन से विद्या बागची नाम की प्रेगनेंट महिला अपने खोए हुए पति को ढूंढने कोलकाता आती है। सुनने में यह किसी औरत की दुखभरी दास्तान लगती है लेकिन शुक्रवार को रिलीज़ हुई फिल्म 'कहानी' एक जबर्दस्त सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है।

शुरुआत ही कोलकाता मेट्रो ट्रेन में जहरीली गैस के हमले वाले सस्पेंस से होती है और करीब दो घंटे तक सस्पेंस और थ्रिल का यह सिलसिला नॉनस्टॉप चलता है।

प्रेगनेंसी के दौरान भयंकर मेंटल टार्चर झेलती औरत है जो पति को ढूंढने के लिए मरने मारने पर उतारू है। फिर भी वह बच्चे के साथ हंसी के चार पल निकाल लेती है। वह लोगों से करीब-करीब मदद की भीख मांगती है लेकिन मौका पड़ने पर कड़क ऑफिसर को भी अपने सामने झुकने पर मजबूर कर देती है।

विद्या बालन की लाजवाब एक्टिंग। आईबी ऑफिसर के रोल में नवाज़ुद्दीन सिद्धीकी और परमब्रता चटोपाध्याय का उन्हें खूब साथ मिला।

कोई क्यों इस प्रेगनेंट लेडी की जान लेना चाहता है... कैसे एक साफदिल पुलिस ऑफिसर की मदद से दुर्गा पूजा के बीच कोलकाता में खोजबीन का सिलसिला आगे बढ़ता है... क्यों तहकीकात से जुड़े सूत्र एक के बाद एक मरते चले जाते हैं। मैं किसी भी सस्पेंस का खुलासा करके मज़ा खराब नहीं करूंगा लेकिन जब सस्पेंस खुलेगा तो आप हैरान रह जाएंगे। रहस्य और रोमांच के साथ भावनाओं का तूफान उमड़ आएगा।

राइटर-डायरेक्टर सुजॉय घोष की फिल्म 'कहानी' बड़े इंटेलिजेंट प्लॉट पर बुनी गई है। सेकंड हाफ में कहीं-कहीं कहानी कुछ कमज़ोर लिंक्स के साथ जुड़ती है जिनके लिए मैंने एक स्टार काट लिया है लेकिन फिर भी मैं कहूंगा कि कहानी अद्भुद फिल्म है लाजवाब है और इसके लिए मेरी रेटिंग है 4 स्टार।

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