
दक्षिण भारतीय फिल्म जगत के सबसे बड़े सुपरस्टार कहे जाने वाले रजनीकांत की शुक्रवार को दुनियाभर में रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'कबाली' कथित रूप से इंटरनेट पर लीक हो गई है। डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म पाइरेसी के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को धता बताते हुए फिल्म 'कबाली' के कई लिंक इंटरनेट की उन वेबसाइटों पर गैरकानूनी तरीके से उपलब्ध कराए गए हैं, जहां इस तरह की पाइरेटेड फिल्में आमतौर पर मिल जाया करती हैं।
डीएनए ने एक सूत्र के हवाले से बताया, "हमारी फिल्म के इन गैरकानूनी लिंक को हटाने के लिए हमने प्रशासन से संपर्क किया है... खैर, चूंकि यह रजनीकांत की फिल्म है, सो 'थलैवा' की किसी फिल्म के लिए लोगों के उत्साह को रोकना या काबू करना मुश्किल होता है..."
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने डीएनए से कहा कि बड़े सितारों की फिल्मों को 'लीक' से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि उन्हें खास फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मुंबई बोर्ड ने 'कबाली' को सर्टिफिकेट नहीं दिया है, बल्कि चेन्नई कार्यालय से फिल्म पास की गई है।
निहलानी ने डीएनए से कहा, "अब पाइरेसी करने वालों ने रजनीकांत को भी नहीं बख्शा... 'कबाली' को चेन्नई में सेंसर किया गया था, सो, हमारे मुंबई ऑफिस से उसका कोई लेना-देना नहीं है... इससे पहले, यह सलमान खान की 'सुल्तान' के साथ हुआ था... बहरहाल, मुझे नहीं लगता, बड़े सितारों वाली फिल्मों के कलेक्शन पर इस तरह लीक होने से कोई फर्क पड़ेगा... लीक से प्रभाव छोटी फिल्मों पर पड़ता है, जिनमें ए-लिस्ट वाले सितारे नहीं होते... 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' इसका उदाहरण हो सकता है..."
15 जुलाई को ही मद्रास हाईकोर्ट ने 169 सेवाप्रदाताओं को गैरकानूनी तरीके से फिल्म को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के खिलाफ प्रतिबंधित किया था। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि केबल टीवी ऑपरेटर, बस और टैक्सियां भी फिल्म को नहीं दिखा सकतीं।
डीएनए ने एक सूत्र के हवाले से बताया, "हमारी फिल्म के इन गैरकानूनी लिंक को हटाने के लिए हमने प्रशासन से संपर्क किया है... खैर, चूंकि यह रजनीकांत की फिल्म है, सो 'थलैवा' की किसी फिल्म के लिए लोगों के उत्साह को रोकना या काबू करना मुश्किल होता है..."
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने डीएनए से कहा कि बड़े सितारों की फिल्मों को 'लीक' से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि उन्हें खास फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मुंबई बोर्ड ने 'कबाली' को सर्टिफिकेट नहीं दिया है, बल्कि चेन्नई कार्यालय से फिल्म पास की गई है।
निहलानी ने डीएनए से कहा, "अब पाइरेसी करने वालों ने रजनीकांत को भी नहीं बख्शा... 'कबाली' को चेन्नई में सेंसर किया गया था, सो, हमारे मुंबई ऑफिस से उसका कोई लेना-देना नहीं है... इससे पहले, यह सलमान खान की 'सुल्तान' के साथ हुआ था... बहरहाल, मुझे नहीं लगता, बड़े सितारों वाली फिल्मों के कलेक्शन पर इस तरह लीक होने से कोई फर्क पड़ेगा... लीक से प्रभाव छोटी फिल्मों पर पड़ता है, जिनमें ए-लिस्ट वाले सितारे नहीं होते... 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' इसका उदाहरण हो सकता है..."
15 जुलाई को ही मद्रास हाईकोर्ट ने 169 सेवाप्रदाताओं को गैरकानूनी तरीके से फिल्म को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के खिलाफ प्रतिबंधित किया था। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि केबल टीवी ऑपरेटर, बस और टैक्सियां भी फिल्म को नहीं दिखा सकतीं।
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