मुंबई:
विविध प्रकार की भूमिकाओं को निभाने के लिए प्रसिद्ध परेश रावल का मानना है व्यापक स्तर पर प्रचार एवं विपणन में व्यस्त रहने के कारण अभिनेता अपना आकर्षण खो चुके हैं।
परेश ने कहा, बॉलीवुड में स्टार अपना जादू खो चुके हैं। यदि मैं खुद को स्टार कहता हूं तब मुझे दरवाजे दरवाजे जाने एवं लोगों को अपनी फिल्म देखने का निवेदन करने की जरूरत नहीं है। क्या रजनीकांत ऐसा करते हैं? क्या दक्षिण का कोई भी अभिनेता ऐसा करता है। केवल हम लोग ऐसा करते हैं।
परेश ने कहा, हमने आवश्यकता से अधिक विपणन को महत्व दिया है जैसे लगता है कि यदि हमने ऐसा नहीं किया तो हम मर जाएंगे। टीवी एवं संचार माध्यमों के जरिये आक्रामक प्रचार किए। नागपुर जाने एवं हाथ हिलाने की क्या जरूरत है? लोग इसलिए आते हैं क्योंकि वे आपको पसंद करते हैं। यह विपणन का बचकाना तरीका है।
दो दशक से बॉलीवुड को नजदीकी से देख रहे परेश ने कहा कि स्टार अब भूमिकाएं निभा रहा है और अपनी छवि के लिए इसका बलिदान नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा, स्टार सिस्टम यहां हमेशा से रहा है। अब मैं एक परिवर्तन देख रहा हूं। वे सब अपनी छवि के लिए चरित्र के साथ अन्याय नहीं कर रहे हैं। यह अच्छा संकेत है।
परेश ने कहा, बॉलीवुड में स्टार अपना जादू खो चुके हैं। यदि मैं खुद को स्टार कहता हूं तब मुझे दरवाजे दरवाजे जाने एवं लोगों को अपनी फिल्म देखने का निवेदन करने की जरूरत नहीं है। क्या रजनीकांत ऐसा करते हैं? क्या दक्षिण का कोई भी अभिनेता ऐसा करता है। केवल हम लोग ऐसा करते हैं।
परेश ने कहा, हमने आवश्यकता से अधिक विपणन को महत्व दिया है जैसे लगता है कि यदि हमने ऐसा नहीं किया तो हम मर जाएंगे। टीवी एवं संचार माध्यमों के जरिये आक्रामक प्रचार किए। नागपुर जाने एवं हाथ हिलाने की क्या जरूरत है? लोग इसलिए आते हैं क्योंकि वे आपको पसंद करते हैं। यह विपणन का बचकाना तरीका है।
दो दशक से बॉलीवुड को नजदीकी से देख रहे परेश ने कहा कि स्टार अब भूमिकाएं निभा रहा है और अपनी छवि के लिए इसका बलिदान नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा, स्टार सिस्टम यहां हमेशा से रहा है। अब मैं एक परिवर्तन देख रहा हूं। वे सब अपनी छवि के लिए चरित्र के साथ अन्याय नहीं कर रहे हैं। यह अच्छा संकेत है।
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