राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया-एफटीआईआई) के अध्यक्ष पद पर टीवी अभिनेता गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के बाद से ही जारी विरोध-प्रदर्शनों और हड़ताल के स्थायी समाधान के लिए सिनेमा जगत की 180 से भी अधिक हस्तियां आज राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी से अपील करने जा रही हैं।
संस्थान के छात्रों की तीन महीने से जारी हड़ताल को खत्म कराने के उद्देश्य से राष्ट्रपति से अपील करने के लिए मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है, जिसमें ऑस्कर पुरस्कार विजेता साउंड डिज़ाइनर रेसुल पोकुट्टी, निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन, दिबाकर बनर्जी, हंसल मेहता जैसे दिग्गज राष्ट्रपति के नाम दस्तखत-शुदा पेटिशन जारी करेंगे, जिसमें मणिरत्नम, अपर्णा सेन, रेवथी, संतोश सीवान, सईद मिर्ज़ा, जानू बरुआ, कुंदन शाह जैसे निर्देशकों ने भी दस्तखत किए हैं। राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को लिखी इस चिट्ठी में अपील की गई है कि एफटीआईआई के आंदोलनकारी छात्रों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दे जल्द से जल्द हल करने में वह हस्तक्षेप करें।
पत्र में एफटीआईआई जैसे शिक्षण संस्थानों में केंद्र सरकार की दखलअंदाज़ी बंद कराए जाने की भी मांग की गई है, तथा इसमें छात्रों का पक्ष लेते हुए गजेंद्र चौहान को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग दोहराई गई है। पत्र में पुलिस द्वारा छात्रों से मारपीट करने और कुछ छात्रों को जेल ले जाने पर भी विरोध दर्ज कराया गया है। पेटिशन में मांग की गई है की एफटीआईआई को स्वायत्त संस्था करार दिया जाए, ताकि सरकार का उसमें कोई हस्तक्षेप न हो पाए। साथ ही पेटिशन में यह भी कहा गया है कि सिनेमा जगत के जाने-माने लोगों का नया पैनल एफटीआईआई छात्रों के सभी मुद्दों के समाधान के लिए नियुक्त किया जाए।
संस्थान के छात्रों की तीन महीने से जारी हड़ताल को खत्म कराने के उद्देश्य से राष्ट्रपति से अपील करने के लिए मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है, जिसमें ऑस्कर पुरस्कार विजेता साउंड डिज़ाइनर रेसुल पोकुट्टी, निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन, दिबाकर बनर्जी, हंसल मेहता जैसे दिग्गज राष्ट्रपति के नाम दस्तखत-शुदा पेटिशन जारी करेंगे, जिसमें मणिरत्नम, अपर्णा सेन, रेवथी, संतोश सीवान, सईद मिर्ज़ा, जानू बरुआ, कुंदन शाह जैसे निर्देशकों ने भी दस्तखत किए हैं। राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को लिखी इस चिट्ठी में अपील की गई है कि एफटीआईआई के आंदोलनकारी छात्रों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दे जल्द से जल्द हल करने में वह हस्तक्षेप करें।
पत्र में एफटीआईआई जैसे शिक्षण संस्थानों में केंद्र सरकार की दखलअंदाज़ी बंद कराए जाने की भी मांग की गई है, तथा इसमें छात्रों का पक्ष लेते हुए गजेंद्र चौहान को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग दोहराई गई है। पत्र में पुलिस द्वारा छात्रों से मारपीट करने और कुछ छात्रों को जेल ले जाने पर भी विरोध दर्ज कराया गया है। पेटिशन में मांग की गई है की एफटीआईआई को स्वायत्त संस्था करार दिया जाए, ताकि सरकार का उसमें कोई हस्तक्षेप न हो पाए। साथ ही पेटिशन में यह भी कहा गया है कि सिनेमा जगत के जाने-माने लोगों का नया पैनल एफटीआईआई छात्रों के सभी मुद्दों के समाधान के लिए नियुक्त किया जाए।
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