मुंबई:
हॉलीवुड की चर्चित फिल्म शृंखला 'स्पाइडरमैन' के तीसरे भाग के पांच साल बाद उसके प्रीक्वेल के रूप में रिलीज़ हुई 'द अमेज़िन्ग स्पाइडरमैन' में स्पाइडरमैन के जन्म से हाईस्कूल तक की उसकी जीवनगाथा दर्शाई गई है... स्पाइडरमैन की भूमिका में इस बार टोबी मैग्वायर के स्थान पर एंड्रयू गारफील्ड हैं, जबकि कर्स्टन डंस्ट के स्थान पर उनकी प्रेमिका की भूमिका निभाई है एमा स्टोन ने...
बचपन में अपने मां-बाप के गायब हो जाने के रहस्य को खोज रहे हाईस्कूल स्टूडेंट पीटर पार्कर के हाथ लगता है अपने साइंटिस्ट पिता का एक फॉर्मूला, जिसे वह डा. कर्ट कॉनर्स (रीस इफान्स) को दिखाता है, जो चूहों में छिपकली के जीन्स डालकर कटे अंगों को जोड़ने और इंसानी बीमारियों का इलाज ढूंढ रहे हैं... लेकिन डॉक्टर की लैब में पीटर को खास किस्म की मकड़ी काट लेती है...
अब यहां बहुत धीमे-से डायरेक्टर मार्क वेब ने पीटर को स्पाइडरमैन में बदलते दिखाया है... कैसे पीटर खुद के अंदर मकड़ी की ताकत महसूस करता है, आसपड़ोस की इमारतों पर कूद-फांदकर इस अद्भुत ताकत को परखता है, अपना मास्क और सूट बनाता है, और फिर डा. कर्ट के बुरे इरादों से दुनिया को बचाने के लिए तैयार हो जाता है...
यह स्पाइडरमैन ज़्यादा इमोशनल है... अपने अंकल की हत्या उसे गुस्सैल बना देती है, लेकिन वह कॉमेडी भी करता है, और वादा निभाने के लिए प्रेमिका से अलग भी हो जाता है... लेकिन डॉक्टर कर्ट भले इंसान हैं या विलेन, यह कन्फ्यूज़न दर्शक में अंत तक बना रहता है...
भारतीय दशर्कों को यह देखकर घोर निराशा होगी कि फिल्म में विलेन बने इरफान खान के पास गिनती के तीन-चार सीन्स ही हैं... फिल्म के अंत में उनके साथ क्या हुआ, यह भी नहीं बताया गया... शायद उनका अहम रोल अगली स्पाइडरमैन फिल्म में दिखे...
पिछली स्पाइडरमैन फिल्मों के मुकाबले 'द अमेज़िन्ग स्पाइडरमैन' में एक्शन कम है... पीटर को स्पाइडरमैन बनने में ही करीब एक घंटा लग जाता है... फिल्म वैसे भी कुछ स्लो है, इसलिए संभवतः बच्चों से ज़्यादा यह बड़ों को पसंद आएगी... 'द अमेज़िन्ग स्पाइडरमैन' के लिए हमारी रेटिंग है - 3 स्टार...
बचपन में अपने मां-बाप के गायब हो जाने के रहस्य को खोज रहे हाईस्कूल स्टूडेंट पीटर पार्कर के हाथ लगता है अपने साइंटिस्ट पिता का एक फॉर्मूला, जिसे वह डा. कर्ट कॉनर्स (रीस इफान्स) को दिखाता है, जो चूहों में छिपकली के जीन्स डालकर कटे अंगों को जोड़ने और इंसानी बीमारियों का इलाज ढूंढ रहे हैं... लेकिन डॉक्टर की लैब में पीटर को खास किस्म की मकड़ी काट लेती है...
अब यहां बहुत धीमे-से डायरेक्टर मार्क वेब ने पीटर को स्पाइडरमैन में बदलते दिखाया है... कैसे पीटर खुद के अंदर मकड़ी की ताकत महसूस करता है, आसपड़ोस की इमारतों पर कूद-फांदकर इस अद्भुत ताकत को परखता है, अपना मास्क और सूट बनाता है, और फिर डा. कर्ट के बुरे इरादों से दुनिया को बचाने के लिए तैयार हो जाता है...
यह स्पाइडरमैन ज़्यादा इमोशनल है... अपने अंकल की हत्या उसे गुस्सैल बना देती है, लेकिन वह कॉमेडी भी करता है, और वादा निभाने के लिए प्रेमिका से अलग भी हो जाता है... लेकिन डॉक्टर कर्ट भले इंसान हैं या विलेन, यह कन्फ्यूज़न दर्शक में अंत तक बना रहता है...
भारतीय दशर्कों को यह देखकर घोर निराशा होगी कि फिल्म में विलेन बने इरफान खान के पास गिनती के तीन-चार सीन्स ही हैं... फिल्म के अंत में उनके साथ क्या हुआ, यह भी नहीं बताया गया... शायद उनका अहम रोल अगली स्पाइडरमैन फिल्म में दिखे...
पिछली स्पाइडरमैन फिल्मों के मुकाबले 'द अमेज़िन्ग स्पाइडरमैन' में एक्शन कम है... पीटर को स्पाइडरमैन बनने में ही करीब एक घंटा लग जाता है... फिल्म वैसे भी कुछ स्लो है, इसलिए संभवतः बच्चों से ज़्यादा यह बड़ों को पसंद आएगी... 'द अमेज़िन्ग स्पाइडरमैन' के लिए हमारी रेटिंग है - 3 स्टार...
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