
फिल्म कमांडो 2 का एक सीन.
Quick Take
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काले धन से संबंधित पीएम के वायदे से जुड़ी 'कमांडो 2' की कहानी
एक्शन सीन अच्छे लेकिन लंबे, शोर मचाता है बैकग्राउंड म्यूजिक
इस फिल्म को हमारी तरफ से मिलते हैं 2.5 स्टार
अब इस फिल्म की खूबियों और खामियों की बात करते हैं, जिससे आपके लिए यह फैसला करना और भी आसान हो जाएगा कि आपको यह फिल्म देखनी चाहिए या नहीं.
खामियों की बात करें तो इस फिल्म की सबसे बड़ी खामी है इसकी स्क्रिप्ट क्योंकि कहानी छोटी है जिसे 2 घंटे की फिल्म में फैलाने में टीम नाकाम रही है. चंद सींस या डायलॉग देखें तो फिल्म ज़रा पुराने ढर्रे पर चलती है. वहीं फिल्म के एक्शन सींस अच्छे तो हैं लेकिन इतने लंबे हैं कि इसके खत्म होने का आप इंतजार करेंगे. अलग-अलग किरदारों की कहानियां भी आपको उबाऊ लग सकती हैं. फिल्म का बैकग्राउंड म्युज़िक शोर मचाता है.
वहीं फिल्म की खूबियों में सबसे बड़ी खूबी हैं फिल्म के हीरो विद्युत जामवाल, जो 3 साल से मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ले रहे हैं और पर्दे पर उनका ये एक्शन उभर कर नजर आता है. विद्युत अपना एक्शन खुद डिजाइन करते हैं और फिल्म में उनके डिजाइन्ड सींस भी असरदार हैं. फिल्म में कई जगह उनकी डायलॉग डिलीवरी भी आपको अच्छी लगेगी.
वहीं फिल्म में फ्रेडी दारुवाला, ईशा गुप्ता का अभिनय असरदार है. मुझे फिल्म का क्लाइमेक्स भी अच्छा लगा. भारत के प्रधानमंत्री ने जनता से वादा किया था कि विदेश में छुपे काले धन को वापस लाएंगे और गरीबों के बैंक अकाउंट में जमा कराएंगे. 'कमांडो-2' आपको इससे जोड़ेगी और हो सकता है कुछ लोगों को ये फिल्म प्रभावशाली लगे. मेरी ओर से फिल्म को 2.5 स्टार्स मिलते हैं.
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