वैसे तो कलाई भी चूंकि इंसानी शरीर का हिस्सा है, इसलिए उसके भी कई रंग होते हैं - सांवला, गेहुंआ, या गोरा... लेकिन कवियों या फिल्मी गीतकारों के दिलों में, कल्पनाओं में कलाइयां अक्सर गोरी ही होती हैं, भले ही वे उनके बारे में सफेद कागज़ के टुकड़ों पर नीली या काली स्याही से लिखें... और सबसे मज़ेदार तथ्य यह है कि जब भी कलाइयों के गोरे रंग के बारे में सुनाई पड़ता है, सुनने वाले भी इसकी तरफ खिंचे चले आते हैं।
इसकी ताज़ा मिसाल है फिल्म 'रॉय' का गाना 'चिट्टियां कलाइयां...'। 'चिट्टा' या 'चिट्टी' पंजाबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ सफेद, या इस संदर्भ में गोरा होता है। यानी गाने के बोल 'चिट्टियां कलाइयां...' का मतलब है गोरी कलाइयां। जब से यह गाना रिलीज़ हुआ है, तेज़ सुरीली हवा की तरह दर्शकों और सुनने वालों के कानों में घर करता जा रहा है। सिर्फ साढ़े तीन हफ्ते में इस गाने को 1,57,06,449 से भी ज़्यादा लोग सिर्फ यूट्यूब पर देख चुके हैं, और कितने लोगों ने इसे अलग-अलग अन्य माध्यमों से सिर्फ सुना है, इसकी सही जानकारी म्यूजिक कंपनी के पास भी नहीं है। हालांकि 'चिट्टियां कलाइयां...' ने अभी कोई कीर्तिमान स्थापित नहीं किया है, मगर केवल साढ़े तीन हफ्ते में यह आंकड़ा 1,57,06,449 चौंकाने वाला है। इसके अलावा हर रेडियो पर तो इस गाने की धुन गूंज ही रही है, देश में इन दिनों हो रही करीब-करीब सभी शादियों में इसी गाने पर लोग थिरक भी रहे हैं। खासतौर पर औरतों की महफिलों में खूब रंग जमा रहा है 'चिट्टियां कलाइयां...'
'चिट्टियां कलाइयां...' का संगीत दिया है मीत ब्रदर्स अनजान ने और गाने को लिखा है कुमार ने। इसमें आवाज़ है कनिका कपूर की। यह वही कनिका कपूर हैं, जिन्होंने मीत ब्रदर्स के साथ 'बेबी डॉल...' जैसा सुपरहिट गाना दिया था।
रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल और जैकलीन फर्नांडिस की फिल्म 'रॉय' अपनी कहानी की वजह से शायद कभी याद न की जाए, मगर फिल्म का यह गाना उसकी पहचान हमेशा बना रहेगा, और जिस तरह इस गाने को सफलता और शोहरत मिली है, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि फिल्म के लिए दर्शकों को सिनेमाहॉल तक खींचने में इस गाने ने बड़ी भूमिका निभाई है।
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