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This Article is From Jun 16, 2017

Bank Chor फिल्‍म रिव्‍यू: रितेश देशमुख और विवेक ओबरॉय की ऐसी कॉमेडी फिल्‍म जिसमें हंसी नहीं आती...

इस फिल्म को एक कॉमेडी फिल्म की तरह दर्शकों के सामने रखा गया है, मगर ये कॉमेडी फिल्म नहीं है. फिल्म के तीन किरदारों की बेवकूफियों की वजह से बैंक के अंदर फैली थोड़ी अफरा तफरी की वजह से कुछ दृश्य मजाकिया बनते हैं.

Bank Chor फिल्‍म रिव्‍यू: रितेश देशमुख और विवेक ओबरॉय की ऐसी कॉमेडी फिल्‍म जिसमें हंसी नहीं आती...
फिल्‍म 'बैंक चोर' का एक सीन.
नई दिल्‍ली: शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्‍म 'बैंक चोर' की कहानी है तीन बैंक चोरों की जो लूटपाट करने के लिए एक बैंक में दाखिल होते हैं. इन तीन चोरों में एक हैं एक्‍टर रितेश देशमुख. इस बैंक को लुटने से बचाने के लिए वहां आते हैं सीबीआई अफसर अमजद खान. अमजद खान की भूमिका में विवेक ओबरॉय नजर आएंगे. इस फिल्‍म में तीनों चोरों को बिल्कुल बेवकूफ किस्म का चोर दिखाया गया है लेकिन क्या येवे वाकई में बेवकूफ हैं? यह आपको फिल्‍म देखकर ही समझ आएगा. बैंक की चोरी में में सीबीआई कहां से अचानक कूद पड़ती है या क्यों और कैसे होती है बैंक में चोरी, इसका जवाब आपको फिल्म देखकर ही मिलेगा.

इस फिल्‍म के कुछ अच्‍छे पहलुओं की बात करें तो फिल्म में दिल्ली के दो किरदारों और मुंबई के एक किरदार की बेवकूफियां और तीनों चोरों के बीच की नोक-झोंक अच्छी लगती हैं. फिल्‍म में कई जगह थोड़ी हंसी भी आती है. फिल्म का सस्पेंस अच्छा है. पहला भाग खास तौर से बांधकर रखता है. रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय और विक्रम थापा सहित सभी सह कलाकारों ने भी अच्छा अभिनय किया है.
 
bank chor

आपको बता दें कि इस फिल्म को एक कॉमेडी फिल्म की तरह दर्शकों के सामने रखा गया है, मगर यह कॉमेडी फिल्म नहीं है. फिल्म के तीन किरदारों की बेवकूफियों की वजह से बैंक के अंदर फैली थोड़ी अफरातफरी की वजह से कुछ दृश्य मजाकिया बनते हैं. फिल्म का सस्पेंस अच्छा तो है मगर क्लाइमेक्स में  है और तब तक काफी देर हो जाती है. दरअसल क्‍लाइमेक्‍स तक पहुंचते-पहुंचते ऐसा लगने लगता है कि यह सब क्यों और कैसे हो रहा है. यहां तक कि फिल्म के क्लाइमेक्स को समझने के लिए भी दिमाग लगाना पड़ेगा. इस फिल्म को धूम सीरीज से जोड़कर बेचा गया मगर इसमें न ही वो मसाला है और न ही स्टार फैक्टर.
 
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आज के बहुत सारे लेखक और निर्देशक होशियारी से भरी फिल्म लिखने और बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन दर्शक जितनी सरलता से किसी कहानी को समझ जाएं और उनका मनोरंजन हो जाए, उतना ही फिल्म के लिए अच्छा होता है. 'बैंक चोर' को इंटेलीजेंट फिल्म बनाने की नाकाम कोशिश की गई है. इस फिल्‍म को हमारी तरफ से मिलते हैं 1.5 स्‍टार.

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