आईपीएल प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद आईपीएल-9 में दो नई टीमों पुणे और राजकोट टीम की एंट्री का रास्ता साफ हुआ है। कमेटी ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीम से संबद्ध गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा पर भी आजीवन पाबंदी का ऐलान किया था।
आइए जानें कब-कब खुलीं इस मामले की परतें...
- 16 मई 2013 : राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंडिला स्पॉट फ़िक्सिंग के आरोप में गिरफ़्तार हुए।
- 21 मई 2013 : फिल्म अभिनेता विंदू दारा सिंह सट्टेबाज़ों के साथ रिश्ते के आरोप में मुंबई में गिरफ़्तार हुए।
- 24 मई 2013 : एन. श्रीनिवासन और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन मुंबई पुलिस के सामने हाज़िर हुए, पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया।
- 2 जून 2013 : बीसीसीआई की बैठक में फ्रेंचाइज़ी की जांच के लिए दो रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई।
- 28 जुलाई 2013 : बीसीसीआई की बनाई जजों की कमेटी ने राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को क्लीन चिट दी।
- 5 अगस्त 2013 : बीसीसीआई ने दो जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट को ख़ारिज़ करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
- 13 सितंबर 2013 : बीसीसीआई ने श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाया।
- 7 अक्टूबर 2013 : सुप्रीम कोर्ट ने फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए जस्टिस मुदगल कमेटी बनाई।
- 3 नवंबर 2014 : मुद्गल कमेटी ने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी।
- 22 जनवरी 2015 : सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को आईपीएल में सट्टेबाज़ी का दोषी माना ।