मलेशिया यात्रा पूरी कर सिंगापुर की दो दिवसीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत की सिंगापुर कहानी' विषय पर आयोजित समारोह में भाषण दिया।
पढ़ें उनके भाषण की खास बातें
- मैं यहां आकर बेहद सम्मानित मसहूस कर रहा हूं। दोनों देशों की नियति (भारत और सिंगापुर) गहराई से जुड़ी हैं।
- मैं आजादी के 50 साल पर सिंगापुर के लोगों के लिए 1.25 अरब दोस्तों और प्रशंसकों की बधाई देती हूं।
- हमारे समय के सबसे शीर्ष नेताओं में शामिल और आधुनिक सिंगापुर के वास्तुकार ली कुआन यू को मेरी श्रद्धांजलि। मेरे लिए वह (ली कुआन यू) एक निजी प्रेरणा थी।
- सिंगापुर हमें बहुत सी बातें सिखाता है। किसी राष्ट्र का आकार को उसकी उपलब्धियों के पैमाने के लिए कोई बाधा नहीं होता। कल्पना शक्ति पर संसाधनों की कमी कोई बाधा नहीं होती।
- सिंगापुर ने सिर्फ एक पीढ़ी के साथ ही राष्ट्र को समृद्धि के उच्चतम स्तर पर पहुंचाने से भी ज्यादा कुछ किया है। इसने इस क्षेत्र की प्रगति को प्रेरित किया और इसके एकीकरण में नेतृत्व किया है।
- भारत और सिंगापुर पुरान समय में कई बार एक साथ आए हैं। जब भारत ने अपने दरवाजें खोले, तो सिंगापुर विश्व के लिए भारत का स्प्रिंगबोर्ड और पूर्व के लिए प्रवेश द्वार बन गया।
- हमे स्वच्छ पानी से लेकर स्थायी आवास जैसी 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझेदारी की जरूरत है।
- यह क्षेत्र एशिया-प्रशांत और हिंद महासागर के वृतखंड को कवर करता है। एशिया का दोबारा उभरना इस युग की सबसे बड़ी घटना है। जापान ने एशिया के विकास कोरिया से चीन तक नेतृत्व किया।
- भारत एशियाई की गतिशीलता को बनाए रखने वाली उज्ज्वल आशा है। लेकिन यह अनसुलक्षे विवादों का भी एक क्षेत्र है।
- एशिया अब भी एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध भविष्य के लिए अपने कई बदलाव के जरिये एक रास्ता खोज रहा है। यह ऐसी यात्रा है, जो जरूर सफल होगी। इसे एहसास करने के लिए सिंगापुर और भारत को मिलकर काम करना चाहिए।