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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए SECURE का नया कॉन्सेप्ट दिया. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफ़िंग से भी मुलाक़ात की. 6 सप्ताह के अंदर शी चिनफ़िंग से यह उनकी दूसरी मुलाकात थी. मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच दो समझौते भी हुए. पीएम ने शंघाई सहयोग संगठन देशों के बीच पर्यटन बढ़ाने की जरूरतों पर भी जोर दिया. वहीं अफगानिस्तान में शांति के मजबूत प्रयास करने के लिए अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी की प्रशंसा भी की. आपको बता दें कि एससीओ में भारत और पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्यता मिलने के बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है.
पीएम मोदी के संबोधन की 5 बड़ी बातें
PM मोदी ने अपने संबोधन में SECURE का नया कॉन्सेप्ट दिया. उन्होंने कहा कि S यानी सिक्योरिटी फॉर सिटीजन, E यानी इकोनॉमिक डेवलपमेंट, C यानी कनेक्टिविटी इन द रीजन, U यानी यूनिटी, R यानी रेस्पेक्ट फॉर सोवरेनिटी एंड इंटिग्रिटी और E यानी एनवायरमेंट प्रोटेक्शन. पीएम ने कहा कि भारत का ज़ोर पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर है.
पीएम मोदी ने इससे पहले कल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफ़िंग से भी मुलाक़ात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच दो समझौते भी हुए. शी चिनफ़िंग ने अगले साल अनौपचारिक बातचीत के लिए भारत आने का न्योता भी स्वीकार कर लिया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन देशों के बीच पर्यटन बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए आज कहा कि भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में केवल छह फीसदी पर्यटक एससीओ देशों से आते हैं और इस संख्या को आसानी से दोगुना किया जा सकता है. कहा कि, 'हम भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल और बौद्ध पर्व मनाएंगे'. मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन के सफल नतीजे निकले इसके लिए भारत पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है.
पीएम ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि साझा संस्कृतियों के बारे में जागरुकता फैलाने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा करने में सहायता मिल सकती है. उन्होंने कहा कि , 'हमारी साझा संस्कृतियों के बारे में जागरुकता फैलाने से इस संख्या को बढ़ाने में मदद मिल सकती है'.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में शांति के मजबूत प्रयास करने के लिए अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी की प्रशंसा की और उम्मीद जतायी कि सभी पक्ष उनके इन कामों की सराहना करेंगे. पीएम ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन की मौजूदगी में कहा , ‘आतंकवाद और चरमपंथ के प्रभावों का अफगानिस्तान एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है'.