
ओमान की राजधानी मस्कट के सुलतान कबूस स्पोट्र्स कांप्लेक्स में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में घोटालों की लंबी फेहरिस्त के कारण भारत की छवि को नुकसान पहुंचा और ‘‘कुशासन की शैली’’ को बदलने के लिए उनकी सरकार ने कड़ी मेहनत की. पीएम मोदी ने कहा कि ‘‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’’ के मंत्र के साथ उनकी सरकार नागरिकों की जिंदगी को सरल बनाने के लिए काम कर रही है. उनके भाषण के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट और मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे.
पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
देश कुशासन की शैली के साथ 21वीं सदी में प्रगति नहीं कर सकता. (पिछली सरकारों के शासनकाल में) घोटालों की लंबी फेहरिस्त ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचा था. हमने देश को कुशासन के उस दौरे से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की.
हमारी सरकार ने 1400-1450 पुराने कानून रद्द कर दिए, प्रक्रियाओं को सरल बनाया, पूरी ईमानदारी से लोगों की समस्याओं पर ध्यान देती है और नये भारत में शासन की संस्कृति को बदलने के प्रयासों के तहत उनपर कार्रवाई करती है.’
हम सब एक नये भारत की दिशा में काम कर रहे हैं जहां निर्धनतम लोग अपने सपने हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं.’’
लोगों ने बदलाव महसूस करना शुरू कर दिया है.’’ सरकार 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश में अगली पीढ़ी की बुनियादी संरचना का विकास कर रही है.
नये भारत में कोई घोटाला नहीं है और फैसलों में समय नहीं लगता, चुनौतियां स्वीकार की जाती हैं और लक्ष्य हासिल किए जाते हैं.
आज कोई नहीं कहता है कि मोदी कितना ले गया. पहले लोग पूछते थे कि कितना गया, अब मोदी को लोग पूछते हैं कि कितना आया.
इंश्योरेंस सुनते ही ऐसा लगता था कि अमीरों का काम है. आज दिल्ली में एक ऐसी सरकार को काम करने का अवसर मिला है कि गरीबों को सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन और 1 रुपया महीने के प्रीमियम पर जीवन और सुरक्षा बीमा दिया जा रहा है.
सिर्फ 90 पैसे, मैं चाय वाला हूं मुझे मालूम है कि चाय भी नहीं आती है 90 पैसे में.
पिछले 3 सालों में हम नीति बनाकर खाड़ी देशों के साथ भारत के पुराने रिश्तों को आज के समय के मुताबिक एक नया जामा पहना रहे हैं. अपने गौर किया होगा कि भारत की प्रगति के साथ खाड़ी देशों की भारत में रुचि कितनी बढ़ गई है.
ओमान में रहने वाले आठ लाख भारतीय सद्भावना दूत हैं जिन्होंने देश के विकास में योगदान दिया है. मुझे ओमान में घर जैसा महसूस होता है. ऐसा ओमान के लोगों और नेतृत्व के कारण ही संभव है. भारतीय समुदाय ने भारत और ओमान के संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभायी है.