Shivling: शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है, जानिए इसके पीछे की धार्मिक मान्यता

Shivling: भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है भोलेनाथ अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं. लेकिन उन्हें हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.

Shivling: शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है, जानिए इसके पीछे की धार्मिक मान्यता

Shivling: शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना निषेध माना गया है.

खास बातें

  • शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है हल्दी.
  • भगवान शिव को हल्दी अर्पित करना माना गया है निषेध.
  • देवों के देव माने जाते हैं भगवान शिव.

Shivling: धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान शिव (Lord Shiv) अनादि और अंनंत हैं. मान्यता है कि सृष्टि की रचना ब्रह्मा जी (Brahma Ji) ने की. वहीं भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को सष्टि का संचालनकर्ता माना जाता है. साथ ही भगवान शिव को संहारक माना जाता है. इसके अलावा भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है भोलेनाथ (Bholenath) अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती. यही कारण है कि भक्त उनकी पूजा पूरे मनोभाव से करते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, आक और जल अर्पित करते हैं, लेकिन शिवलिंग (Shivling) पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. मान्यता है कि शिवलिंग (Shivling) पर हल्दी (Turmeric) चढ़ाने से भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाई चढ़ाई जाती है. 

शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाई जाती है हल्दी | Why is turmeric not offered on Shivling

आमतौपर हल्दी का इस्तेमाल महिलाओं की ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है. वहीं शास्त्रों में शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. वैसे भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा में हल्दी का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है. 


धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शिवलिंग शक्ति का प्रतीक है. माना जाता है कि हल्दी की तासीर गर्म होती है. शिवलिंग पर सिर्फ ठंढ़ी वस्तुएं चढ़ाने की परंपरा है. भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, गंगाजल, जल, चंदन, कच्चा दूध इत्यादि ठंढ़ी वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. 


वैसे तो शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना निषेध है, लेकिन जलधारी पर हल्दी अर्पित की जा सकती है. दरअसल मान्यता है कि शिवलिंग दो भागों से मिलाकर बना होता है. शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, जबकि जलधारी मां पार्वती का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में मां पार्वती के प्रसन्न करने के लिए भक्त जलधारी में हल्दी चढ़ाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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