
Sawan Purnima does and don't: भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास 09 अगस्त 2025, शनिवार को पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन पूरा हो जाएगा. सनातन परंपरा में इस पावन तिथि को सावन सोमवार, सावन प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि की तरह बहुत ज्यादा पुण्यदायी माना गया है. यही कारण है कि इस दिन तमाम कामनाओं को पूरा करने के लिए पूजा, जप, तप और स्नान-दान का विधान है. श्रावण पूर्णिमा पर जहां कुछ उपाय को करने पर शीघ्र ही शिव और हरि की कृपा बरसती है तो वहीं कुछेक गलतियों के कारण व्यक्ति को पुण्य की बजाय पाप का भागीदार बनना पड़ता है.
सावन की पूर्णिमा पर भूलकर न करें ये 5 गलतियां
- हिंदू मान्यता के अनुसार सावन महीने की पवित्र पूर्णिमा वाले दिन व्यक्ति को क्रोध या फिर किसी के साथ वाद-विवाद करने से बचना चाहिए. इस दिन पूजा-पाठ करते समय तो भूलकर भी ऐसी गलती न करें.
- सावन पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक चीज जैसे मांस, मंदिरा या फिर अन्य नशे से जुड़ी हुई चीज का सेवन न करें.
- सावन पूर्णिमा के दिन भूलकर भी फटे-पुराने, गंदे, पहने हुए और काले रंग का वस्त्र न धारण करें.
- सावन महीने की पूर्णिमा के सूर्योदय के बाद भूलकर भी न सोएं और न ही किसी की निंदा, चुगली या फिर किसी के साथ गलत व्यवहार करें.
- सावन पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें. भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने के लिए एक दिन पूर्व ही तुलसी पत्र तोड़कर रख लें.

सावन में इन कार्यो को करने पर पूरी होगी कामना
- सावन महीने की पूर्णिमा के दिन अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए उनका तर्पण करते हुए उनके मोक्ष की कामना करें.
- चूंकि श्रावण पूर्णिमा सावन महीने का आखिरी दिन होता है, इसलिए इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अवश्य करें. यदि संभव हो तो शिव का विधि-विधान से अभिषेक या रुद्राभिषेक करें.
- श्रावण पूर्णिमा पर भगवान श्री विष्णु की पूजा का अत्यधिक पुण्यफल माना गया है. ऐसे में इस दिन श्री हरि की पीले पुष्प और पीले फल आदि अर्पित करके विधि-विधान से सत्यनारायण भगवान की कथा और श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें.
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- श्रावण मास की पूर्णिमा पर पवित्र नदियों जैसे गंगा आदि में स्नान और वहां पर दान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. यदि किसी कारण से आप नदी तीर्थ पर न जा सकें तो अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- सावन की पूर्णिमा पर आप अपने परिवार और संतान के लिए विशेष रूप से व्रत रख सकते हैं.
- कुंडली के चंद्र दोष को दूर करने और सुख-शांति के लिए श्रावण पूर्णिमा पर चंद्र देवता को जल और दूध से अर्घ्य दें.
- श्रावण पूर्णिमा के दिन किसी शिवालय में जाकर शाम को दीपदान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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