प्रतीकात्मक चित्र
नेपेडा:
अधिकांश देशों में देशों में देवी-देवताओं के टैटू बनवाना वर्जित नहीं है, बशर्ते वे गलत स्थानों पर न बने हों। वहीं कुछ देशों में इसकी अनुमति नहीं है। हालांकि कई देशों में टैटू बनवाना व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, लेकिन लोग फिर ध्यान रखते हैं कि वह किसी प्रकार का विद्वेष फैलाने वाला न हो।
यह मामला है म्यांमार का, जहां के प्रशासन ने स्पेन के एक पर्यटक को उसके बाएं पैर पर भगवान बुद्ध का टैटू होने के कारण निर्वासित कर दिया। बौद्ध देश में ऐसा करना अपमानजनक माना जाता है।
बौद्ध भिक्षुओं द्वारा प्रशासन को इस बारे में खबर देने के बाद स्पेनी नागरिक को मशहूर पर्यटक स्थल बगान शहर में गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें हजारों बौद्ध मंदिर हैं। उसके बाद युवक और उसके साथी को थाई शहर चियांग मई में निर्वासित कर दिया गया।
स्पेन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से चेतावनी दिया है कि म्यांमार में शरीर पर बुद्ध के चित्र गुदवाने की अनुमति नहीं है और अगर शरीर के किसी भी खुले भाग पर खासतौर पर अगर पैरों पर यह है, तो उसे ढक कर रखा जाना चाहिए।
देश की न्यायिक प्रणाली ने मार्च 2015 में न्यूजीलैंड के फिल ब्लैकवुड और उसके दो स्थानीय साथियों को अपने रेस्तरां यांगोन के प्रचार के लिए बुद्ध के चित्र का प्रयोग करने के लिए ढाई साल के लिए जेल भेज दिया था। गौरतलब है कि म्यांमार के 95 प्रतिशत नागरिक बौद्ध हैं।
यह मामला है म्यांमार का, जहां के प्रशासन ने स्पेन के एक पर्यटक को उसके बाएं पैर पर भगवान बुद्ध का टैटू होने के कारण निर्वासित कर दिया। बौद्ध देश में ऐसा करना अपमानजनक माना जाता है।
बौद्ध भिक्षुओं द्वारा प्रशासन को इस बारे में खबर देने के बाद स्पेनी नागरिक को मशहूर पर्यटक स्थल बगान शहर में गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें हजारों बौद्ध मंदिर हैं। उसके बाद युवक और उसके साथी को थाई शहर चियांग मई में निर्वासित कर दिया गया।
स्पेन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से चेतावनी दिया है कि म्यांमार में शरीर पर बुद्ध के चित्र गुदवाने की अनुमति नहीं है और अगर शरीर के किसी भी खुले भाग पर खासतौर पर अगर पैरों पर यह है, तो उसे ढक कर रखा जाना चाहिए।
देश की न्यायिक प्रणाली ने मार्च 2015 में न्यूजीलैंड के फिल ब्लैकवुड और उसके दो स्थानीय साथियों को अपने रेस्तरां यांगोन के प्रचार के लिए बुद्ध के चित्र का प्रयोग करने के लिए ढाई साल के लिए जेल भेज दिया था। गौरतलब है कि म्यांमार के 95 प्रतिशत नागरिक बौद्ध हैं।
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