सूर्यग्रहण 2018: गुरुवार की रात 12.25 से 16 फरवरी सुबह 4.18 तक रहेगा
नई दिल्ली:
साल 2018 का आज पहला सूर्यग्रहण है. भारत में इसका समय रात 12.25 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी सुबह 4.18 तक रहेगा. यह आंशिक सूर्यग्रहण है, इसी वजह से यह पूरी दुनिया में एक साथ नहीं देखा जा सकेगा. इसे सिर्फ दुनिया के कुछ ही हिस्सों में लोग देख पाएंगे. साल 2018 में पूरे 5 ग्रहण होंगे, आज के बाद जुलाई के महीने में ही सूर्य और चंद्र दोनों ग्रहण देखे जाएंगे.
इससे पहले 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा गया था. इस चंद्रग्रहण के दौरान 152 साल बाद बहुत दुर्लभ संयोग बना था, उस रात चांद 30 फीसदी ज़्यादा चमकीला था. इसके साथ ही अलग-अलग देशों में इस सुपर ब्लू ब्लड मून को एक साथ देखा गया था. अब आया है सूर्यग्रहण, यहां जानिए कहां होगा इसका दीदार और इसके बाद फिर कब आएगा ग्रहण.
जानें क्या होता है ग्रहण? सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में क्या है अंतर
साल 2018 के ग्रहण और उनकी तारिख
आपको बता दें कि इस साल 2018 में पांच ग्रहण होंगे, जिसमें से 3 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण हैं. 15 फरवरी 2018 को पहला सूर्यग्रहण है. इसके बाद दूसरा सूर्यग्रहण 13 जुलाई 2018 और तीसरा सूर्यग्रहण 11 अगस्त 2018 को होगा. वहीं, पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी 2018 को था और दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई 2018 को होगा.
Surya Grahan 2018: ग्रहण से अपनी आंखों का रखें ख्याल, इन 5 टिप्स के साथ
क्या रहेगा आज भारत में सूर्यग्रहण का समय?
यह ग्रहण 15 फरवरी (गुरुवार) की रात 12.25 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी सुबह 4.18 तक रहेगा. हालांकि सूतक काल ग्रहण के लगभग 12 घंटे पहले यानी 15 फरवरी सुबह 11.35 पर शुरू हो जाएगा. सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है. जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है. आगे जानें कहां होगा इस ग्रहण का दीदार.
Chandra Grahan 2018: चांद को देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
किन देशों में दिखेगा यह सूर्यग्रहण?
भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण रात के समय है, इसी वजह यह भारत में नहीं दिखाई देगा. यह आंशिक सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, उरुग्वे और ब्राजील जैसे देशों में देखा जाएगा. अंटार्कटिका में यह अधिक देखा जाएगा. अगर आप इस ग्रहण को लाइव देखना चाहते हैं तो नासा की वेबसाइट पर देख सकते हैं.
Chandra Grahan 2018: चांद को देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
क्या होता है सूर्यग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है.
या कहें यह एक प्रकार की खगोलीय स्थिति है. जिनमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. इससे चांद सूर्य की उपछाया से होकर गुजरता है, जिस वजह से उसकी रोशनी फिकी पड़ जाती है.
इससे पहले 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा गया था. इस चंद्रग्रहण के दौरान 152 साल बाद बहुत दुर्लभ संयोग बना था, उस रात चांद 30 फीसदी ज़्यादा चमकीला था. इसके साथ ही अलग-अलग देशों में इस सुपर ब्लू ब्लड मून को एक साथ देखा गया था. अब आया है सूर्यग्रहण, यहां जानिए कहां होगा इसका दीदार और इसके बाद फिर कब आएगा ग्रहण.
जानें क्या होता है ग्रहण? सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में क्या है अंतर
साल 2018 के ग्रहण और उनकी तारिख
आपको बता दें कि इस साल 2018 में पांच ग्रहण होंगे, जिसमें से 3 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण हैं. 15 फरवरी 2018 को पहला सूर्यग्रहण है. इसके बाद दूसरा सूर्यग्रहण 13 जुलाई 2018 और तीसरा सूर्यग्रहण 11 अगस्त 2018 को होगा. वहीं, पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी 2018 को था और दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई 2018 को होगा.
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क्या रहेगा आज भारत में सूर्यग्रहण का समय?
यह ग्रहण 15 फरवरी (गुरुवार) की रात 12.25 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी सुबह 4.18 तक रहेगा. हालांकि सूतक काल ग्रहण के लगभग 12 घंटे पहले यानी 15 फरवरी सुबह 11.35 पर शुरू हो जाएगा. सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है. जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है. आगे जानें कहां होगा इस ग्रहण का दीदार.
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2018 का पहला सूर्य ग्रहण
किन देशों में दिखेगा यह सूर्यग्रहण?
भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण रात के समय है, इसी वजह यह भारत में नहीं दिखाई देगा. यह आंशिक सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, उरुग्वे और ब्राजील जैसे देशों में देखा जाएगा. अंटार्कटिका में यह अधिक देखा जाएगा. अगर आप इस ग्रहण को लाइव देखना चाहते हैं तो नासा की वेबसाइट पर देख सकते हैं.
Chandra Grahan 2018: चांद को देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
क्या होता है सूर्यग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है.
या कहें यह एक प्रकार की खगोलीय स्थिति है. जिनमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. इससे चांद सूर्य की उपछाया से होकर गुजरता है, जिस वजह से उसकी रोशनी फिकी पड़ जाती है.
ऐसे होता है सूर्यग्रहण
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