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This Article is From Oct 14, 2021

Navratri 2021: सुकर्मा व धृति योग में करें महानवमी की पूजा, जानें मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, भोग व महत्व

Navratri 2021: नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. जानिए मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, भोग और महत्व.

Navratri 2021: सुकर्मा व धृति योग में करें महानवमी की पूजा, जानें मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, भोग व महत्व
Navratri 2021: महानवमी आज, महानवमी पूजा का दोपहर का मुहूर्त सबसे शुभ
नई दिल्ली:

Mahanavami 2021: अश्विनी शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मां दुर्गा के नौवें रूप की पूजा-अर्चना की जाती है. आपको बता दें कि नवमी तिथि शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. बीते 7 अक्टूबर को शुरू हुए नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र पूजा आज सम्पूर्ण हो जायेगी. महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी प्रकार के भय, रोग और शोक का समापन हो जाता है. मां सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. अनहोनी से भी सुरक्षा प्राप्त होता है और मृत्यु पश्चात मोक्ष भी मिलता है. महानवमी के दिन कन्या पूजन और नवरात्रि हवन का भी विधान है. नवरात्र के नवमी तिथि को महानवमी के नाम से जाना जाता है. नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा की नौवीं और अलौकिक शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री. कहा जाता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है.

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी

पूजा मंत्र

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

शुभ रंग

नवरात्रि की नवमी तिथि को बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है. यह रंग अध्यात्म का प्रतीक होता है.

मां सिद्धिदात्री का भोग

मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है. कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं. दुर्गार्चन पद्धति के अनुसार, आज नवमी तिथि को कांसे के पात्र में नारियल पानी और तांबे के पात्र में शहद डालकर देवी मां को चढ़ाना चाहिए. गन्ने का रस भी देवी मां को चढ़ाया जा सकता है.

पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

  • लाल चुनरी.
  • लाल वस्त्र.
  • मौली.
  • श्रृंगार का सामान.
  • दीपक.
  • घी/ तेल.
  • धूप.
  • नारियल.
  • साफ चावल.
  • कुमकुम.
  • फूल.
  • देवी की प्रतिमा या फोटो.
  • पान.
  • सुपारी.
  • लौंग.
  • इलायची.
  • बताशे या मिसरी.
  • कपूर.
  • फल-मिठाई.
  • कलावा.

पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं.
  • स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें.
  • मां को रोली कुमकुम भी लगाएं.
  • मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं.
  • मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें.
  • मां की आरती अवश्य करें.

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