नेपाल होकर कैलाश मनसरोवर जाने वाले नागरिकों के लिए भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी किया. इसमें कहा गया कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने की योजना बना रहे भारतीय नागरिक यात्रा शुरू करने से पहले उचित चीनी वीजा और यात्रा परमिट प्राप्त करें.
दूतावास ने तीर्थयात्रियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी सलाह दी कि ऊंचाई वाली जगहों पर जाने पर होने वाली बेचैनी, आपातकालीन चिकित्सा राहत सहित अन्य सभी उपायों के लिए उनके पास पर्याप्त बीमा कवरेज हो.
परामर्श में कहा गया कि इस यात्रा के लिए नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से वीजा लिया जाना चाहिए, न कि काठमांडू स्थित चीनी दूतावास से.
बता दें, इस साल की कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह यात्रा 8 जून से 8 सितंबर तक दो मार्गों के जरिए होगी.
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि यात्रा के लिए पंजीकरण 9 अप्रैल से शुरू हो गया है और इसकी अंतिम तिथि 9 मई है.
आवेदक की आयु कम से कम 18 साल व एक जनवरी को 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते प्रति व्यक्ति लगभग 1.8 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसमें कुछ दुर्गम पद यात्रा शामिल है. यह तीर्थयात्रा 18 समूहों में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक समूह में 60 तीर्थयात्री होंगे. यात्रा की अवधि प्रत्येक समूह के लिए 24 दिनों की होगी, जिसमें दिल्ली में तीन दिन की तैयारी भी शामिल है.
इनपुट - भाषा
VIDEO: चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाई
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