विज्ञापन
This Article is From Jul 26, 2017

हरियाली तीज 2017: शिव से मनचाहा वर मांगने का त्‍यौहार

बारिश के इस मौसम में वन-उपवन, खेत आदि हरियाली की चादर से लिपटे होते हैं. संपूर्ण प्रकृति हरे रंग के मनोरम दृश्य से मन को तृप्त करती है. इसलिए सावन महीने का यह त्योहार हरियाली तीज कहलाता है.

हरियाली तीज 2017: शिव से मनचाहा वर मांगने का त्‍यौहार
हरियाली तीज 2017: इस त्‍यौहार पर गांव-कस्बों में झूले लगाए जाते हैं
हरियाली तीज सावन महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है. उत्तर भारत की स्त्रियों का यह प्रिय पर्व केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि प्रकृति का उत्सव मनाने का भी दिन है. इस पर्व को श्रावणी तीज या कजरी तीज भी कहते हैं. इस साल यह बुधवार को यानी 26 जुलाई को पड़ रही है.

बारिश के इस मौसम में वन-उपवन, खेत आदि हरियाली की चादर से लिपटे होते हैं. संपूर्ण प्रकृति हरे रंग के मनोरम दृश्य से मन को तृप्त करती है. इसलिए सावन महीने का यह त्योहार हरियाली तीज कहलाता है.

पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार, देवी पार्वती ने महादेव शिव को प्राप्त करने के लिए सौ वर्षों तक कठिन तपस्या की थी. अपनी अथक साधना से उन्होंने इसी दिन भगवान शिव को प्राप्त किया था.

यही कारण है कि विवाहित महिलाएं अपने सुखमय विवाहित जीवन और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति लिए यह व्रत रखती हैं. परंपरा के अनुसार योग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रखती हैं.

हरियाली तीज के इस पर्व में मेंहदी, झूला और सुहाग-चिह्न सिंघारे का विशेष महत्व है. स्त्रियां मेंहदी, जो कि सुहाग का प्रतीक है, से हाथों को सजाती हैं.

गांव-कस्बों में जगह-जगह झूले लगाए जाते हैं. कजरी गीत गाती हुई महिलाएं सामूहिक रुप से झूला झूलती हैं.

इस विशेष अवसर पर नवविवाहिताओं को उनके ससुराल से मायके बुलाने की परंपरा है. वे अपने साथ सिंघारा लाती है. साथ ही ससुराल से कपड़े, गहने, सुहाग का सामान, मिठाई और मेंहदी भेजी जाती है, जिसे तीज का भेंट माना जाता है.

अनेक स्थानों पर बड़े धूमधाम से माता पार्वती की सवारी निकाली जाती है और भव्य मेले का आयोजन होता है. ऐसे मेलों में जयपुर में आयोजित होने वाला तीज माता उत्सव विशेष दर्शनीय है.

यहां देवी पार्वती की प्रतिमा, जिन्हें तीज माता कहा जाता है, की पूजा राजा-रजवाड़ों के समय से होती आ रही है. जयपुर के तीज जुलूस में तीज माता पार्वती की एक झलक पाने और दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com