Upcoming Festivals Of Jainism : देशभर में जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक 'सुगंध दशमी' के पर्व के बाद से ही जैन मंदिरों में त्योहारों को लेकर चहल-पहल बनी हुई है. हाल ही में 'सुगंध दशमी' का पर्व बड़ी ही जोरो-शोरो से मनाया गया. इस दिन धूप की खुशबू से जैन मंदिरों में फैली खुशबू से मुग्ध भक्त प्रभु की भक्ति में लीन देखे गये. माना जाता है इस दिन सच्चे मन से भगवान की पूजा करने से कष्टों और दर्द का क्षय होता है. इसके साथ ही 'सुगंध दशमी' का दिन जैन महिलाओं के लिए 'करवाचौथ' की तरह होता है, इस दिन सुहागिन महिलाएं बिना पानी के निर्जला व्रत रहती हैं व सूर्य को अर्ध्य देकर पानी पीती हैं. 'सुगंध दशमी' का पर्व जैनियों के लिए काफी पावन है. इस दिन जैन मंदिरों में भक्त धूप खेवते हैं, जिससे वातावरण काफी शुद्ध और स्वच्छ बन जाता है. आज हम आपको ऐसे ही जैन धर्म के आने वाले प्रमुख त्योहारों की सूची बताएंगे.
भगवान महावीर द्वारा बताये गए 5 व्रत
आपको जानकारी के लिए बता दें कि जैन ग्रंथों में दस धर्म का जिक्र है. बता दें कि जैन धर्म के चौंबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार वर्ष पहले हुआ था, जिन्होंने जीवन के पांच व्रत के बारे में विस्तार से बताया.
- पहला व्रत सत्य: मनुष्य के ऊपर चाहे जितने कष्ट आए, उसे कभी भी सत्य का दामन नहीं छोड़ना चाहिये. सत्य ही मानव को सही राह दिखाता है.
- अहिंसा - हिंसा...जिससे कभी भी किसी का कोई फायदा ना हुआ है और ना होगा. अंहिसा ही मानव की पहचान है. मानव के अंदर दया होना चाहिए व अहिंसा की पूजा होना चाहिए.
- अचौर्य - अचौर्य का अर्थ होता है चोरी. बिना किसी की अज्ञा के बिना उसके सामान को लेना अस्तेय कहलाता है, ये पाप के सामान है.
- अपरिग्रह - जो व्यक्ति सजीव या निर्जीव चीजों का संग्रह करता है, उसके दुखों, कष्टों का अंत नहीं होता.
- ब्रह्मचर्य- ज्ञान, प्रगति और मोझ के लिए मनुष्य को ब्रह्मचर्य का पालन करना अवश्य करना चाहिये.
Upcoming Festivals Of Jainism : जैन धर्म के आने वाले त्योहार के बारे में जानिये
भगवान महावीर से जुड़ी खास बातें
महावीर स्वामी की मृत्यु के बाद जैन धर्म दो भागों में बंट गया.
- पहला- श्वेताम्बर
- दूसरा- दिगम्बर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि श्वेत वस्त्र धारण करने वाले श्वेताम्बर कहलाते हैं. वहीं वस्त्र को धारण ना करने वालों को दिगंबर कहते हैं.
जैन धर्म के आने वाले त्योहार
- 27 सितंबर - रोहिणी व्रत
- 12 अक्टूबर - अश्विना नवपद ओली प्रारंभ
- 20 अक्टूबर - अश्विन नवपद ओली अंत
- 24 अक्टूबर - रोहिणी व्रत
- 4 नवंबर - लक्ष्मी पूजा
- 5 नवम्बर - गुजरात नव वर्ष
- 9 नवंबर - लाभ पंचमी
- 11 नवंबर - कार्तिका अष्टनिका प्रारंभ
- 18 नवंबर - कार्तिका चौमासी चौदस
- 19 नवंबर - कार्तिका अष्टानिका
- 19 नवंबर - कार्तिका रथ यात्रा
- 20 नवंबर - रोहिणी व्रत
- 18 दिसंबर - रोहिणी व्रत
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