
संकट की घड़ी में जब भी मदद की दरकार होती है तब सिख समुदाय हमेशा आगे आकर मानवता की सेवा करता है. फिर चाहे बात ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग हो या दिल्ली में हुए दंगे, हर बार गुरुद्वारों ने निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद की है. इस बार पूरी दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप झेल रही है. ऐसे में एक बार फिर गुरुद्वारों ने मदद का हाथ बढ़ाया है.
इसी कड़ी में कोरावायरस के मरीजों के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC) ने बेहतरीन प्रस्ताव दिया है. कमेटी ने कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों को क्वारंटीन सुविधाएं देने के लिए यमुना किनारे स्थित मजनू का टीला गुरुद्वारे में सराय देने का फैसला किया है. DSGMC के उध्यक्ष मंजिंदर सिरसा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंजद केजरीवाल को पत्र लिखकर गुरुद्वारे के 20 कमरों को क्वारंटीन सुविधाओं के लिए देने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही पत्र में यह भी बताया गया है कि ये कमरे आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और मरीजों को क्वारंटीन करने के मकसद से इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. उनके मुताबिक, DSGMC हेल्थ स्टाफ के लिए अलग से कमरे देगा. गुरुद्वारे में पार्किंग की कोई कमी नहीं है और माहौल भी पूरी तरह से महफूज व सुरक्षित है.
हाल ही में न्यूयॉर्क के एक गुरुद्वारे ने खाने के 30 हजार पैकेट अमेरिकी लोगों के घर तक पहुंचाए जो कोरोनावायरस के चलते सेल्फ-क्वारंटीन हैं. दरअसल, न्यूयॉर्क के मेयर ने सिख समुदाय से संपर्क कर खाने के पैकेट बनाने की गुजारिश की थी. इसके बाद एजेंसियों के जरिए लोगों के घरों तक खाना पहुंचाया गया.
इतना ही नहीं खाना बनाते वक्त साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया. मास्क और ग्लव्स पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए खाना तैयार किया गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने अमेरिकन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (ईस्ट कोस्ट) के कोऑर्डिनेटर हिम्मत सिंह के हवाले से बताया, "सिख समुदाय ने जो खाना तैयार किया वो पूरी तरह से शाकाहारी थी, जिसमें ड्राई फ्रूट्स, चावल और दाल शामिल थीं. खाना रविवार को तैयार किया गया और फिर उसे अच्छी तरह पैक कर डिलीवरी की गई. स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को लोगों के घरों तक खाना पहुंचाया. मान्यता प्राप्त डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों ने सबसे पहले खाना तैयार करने वालों की जांच की और क्लियरंस मिलने पर ही उन्हें इस काम पर लगाया गया."
According to Guru Sahib's command, service is in their lap whom God makes his servant. It is a great service to put yourself in the forefront to serve others, regardless of your life in this tough phase.
— UNITED SIKHS (@unitedsikhs) March 23, 2020
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भोजन विशेष तौर से बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों की वजह से बाहर नहीं जा पा रहे सिंगल पेरेंट्स के लिए तैयार किया गया था.
खाना बनाने के लिए गुरुद्वारों के फंड और खाद्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया. अमेरिका के सिख समुदाय और एनजीओ ने संकट की इस घड़ी में ज्यादा से ज्यादा दान देने की अपील की है ताकि लोगों की मदद की जा सके.
खबरों के मुताबिक, सिख समुदाय द्वारा तैयार किए गए इस खाने से लाभ प्राप्त करने वालों में 90 फीसदी अमेरिकी हैं. अमेरिका के अन्य प्रांतों के गुरुद्वारे भी मदद के लिए आगे आए हैं और बेघर लोगों को खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने अमेरिकन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (वेस्ट कोस्ट) के कोऑर्डिनेटर प्रीतपाल सिंह के हवाले से लिखा है, "जब हमें पता चला कि लोग खाना ढूंढ रहे हैं, लेकिन उन्हें मिल नहीं पा रहा है तब हमने अपनी क्षमता के अनुसार तटीय इलाकों (सैनफ्रांसिसको) के लोगों तक पहुंचना शुरू किया."
बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि संकट की इस घड़ी में सिख समुदाय का योगदान बेहद सराहनीय है. इसी तरह एक साथ मिलजुलकर ही कोरोना के खिलाफ इस जंग में जीत पाई जा सकती है.
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