Chhoti Diwali 2022, Narak Chaturdashi Katha: दिवाली इस साल 24 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है. आमतौर पर दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है, लेकिन इस बार दिवाली के दिन ही छोटी दिवाली भी पड़ रही है. छोटी दिवाली को यम दिवाली या नरक चतुर्दशी कहते हैं. इस दिन यम देवता के निमित्त घर के बाहर दक्षिण दिशा में एक दीप जलाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. लेकिन क्या आप जानने हैं कि छोटी दिवाली क्यों मनाते हैं. अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं कि आखिर छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है और इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है.
छोटी दीवाली क्यों मनाई जाती है | Why is Chhoti Diwali celebrated
छोटी दिवाली को काली चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, किसी राज्य में नरकासुर नामक एक राक्षस रहता था. कहते हैं उसने इंद्र देव को पराजित करके देवी माता के कान की बाली छीन लिया था. इसके अलावा वह असुर देवी-देवताओं और ऋषियों की बेटियों को अपहरण करके उन्हें अपने घर में बंदी बनाकर रखा था. महिलाओं के प्रति नरकासुर के द्वेष भाव को देखकर सत्यभामा ने भगवान श्रीकृष्ण से निवेदन किया कि उन्हें नरकासुर के बध का अवसर दिया जाए. कहा जाता है कि नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु किसी महिला के हाथों ही होगी. कथा में आगे वर्णन मिलता है कि सत्यभामा भगवान श्रीकृष्ण के रथ पर बैठकर नकरासुर का वध करने के लिए गईं. जिसके बाद सत्यभामा ने युद्ध में नरकासुर का वध करके सभी कन्याओं को छुड़वा लिया. जिसके बाद नरकासुर की माता ने घोषणा की कि उसके पुत्र के मृत्यु के दिन को मातम के तौर पर ना मनाकर एक उत्सव के रूप में मनाया जाए. यही वजह है कि इस दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है और इस दिन को नरक चतुर्दशी कहते हैं.
नरक चतुर्दशी 2022 शुभ मुहूर्त | Chhoti Diwali 2022 Date, Shubh Muhurat
इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट से हो रही है. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है. उदया तिथि के अनुसार नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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