विज्ञापन
This Article is From Jun 23, 2017

माह-ए-रमजान : अंतिम जुमा 'जुमा अलविदा' आज

रमजान के 21 रोजे पूरे हो चुके हैं. रमजान का आखिरी जुमा (अलविदा) 23 जून को मनाया जाना है, जिसे लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है.

माह-ए-रमजान : अंतिम जुमा 'जुमा अलविदा' आज
लखनऊ: रमजान का अंतिम जुमा (जुमा अलविदा) शुक्रवार यानी आज है. रमजान के रोजों के बाद खुशियों का त्योहार ईद मनाया जाता है. ईद की तैयारियों में लोग जोर-शोर से लगे हुए हैं. पुरुष कपड़ों और महिलाएं श्रृंगार के सामान के साथ-साथ चूड़ियों की जमकर खरीददारी कर रही हैं. चौक और बाजारों में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं. रमजान के 21 रोजे पूरे हो चुके हैं. रमजान का आखिरी जुमा (अलविदा) 23 जून को मनाया जाना है, जिसे लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है. वहीं अलविदा को लेकर मस्जिदों में भी तैयारी हो गई है. ईद का पर्व रमजान के पूरे रोजे के बाद खुशियों के रूप में मनाया जाता है. आधे रमजान के बाद ईद की तैयारी बाजार में शबाब पर पहुंचने लगती है.

चौक एवं बाजारों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कपड़ों की दुकानें तरह-तरह के डिजाइनों के कपड़ों से सजे हुए हैं. महिलाएं भी फैंसी ड्रेस खरीद रही हैं. महंगाई एवं मंदी के बावजूद महिलाओं का हुजूम बाजार में दिख रहा है. 

दुकानदारों का कहना है कि इस बार दुकानदारी में कुछ कमी जरूर रही है. जो महिलाएं तीन से चार सूट खरीदती थीं. उन्होंने इस बार दो सूट से ही काम चलाया है. कपड़ों की दुकानों में भी लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है. फिल्म व धारावाहिक में कलाकारों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों की जमकर मांग है, जिसको पूरा करने में दुकानदार जुटे हुए हैं.

इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के रंगों में चप्पल-जूते भी बाजार से खरीदे जा रहे हैं. बाजारों में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की तैनाती की गई है. चौक चौराहे पर बैरियर भी लगाया गया है, जिससे चौक बाजार में बड़े वाहनों का प्रवेश न हो सके और खरीदारी करने आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

रमजान पर्व के दौरान जहां सेवई एवं सूतफेनी की बिक्री पूरे माह होती है. इन दिनों लाला बाजार, पीलू तले, जीटी रोड सहित अन्य स्थानों पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सेवइयों से बाजार सजा हुआ है. इन दुकानों में पूरे दिन ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. बाजार में बनारसी सेवई की सबसे अधिक मांग हैं, क्योंकि यह सबसे अच्छी मानी जाती है.

ईद के त्योहार में बनने वाले पकवानों में दूध एवं खोये का विशेष महत्व है, क्योंकि सेवइयों में दूध एवं खोया की मात्रा सबसे अधिक होती है. इसलिए लोगों ने इसके आर्डर पहले से ही देना शुरू कर दिए हैं. दूध एवं खोये का कारोबार करने वाले लोगों ने बताया कि मांग के मुताबिक, वह अभी से खोये की तैयारियों में जुटे हैं, क्योंकि त्योहार के दिन दूध मिलना बेहद मुश्किल होता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com