
चुनावी महाभारत के अंतिम चरण के प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी के वाराणसी पहुंचने पर बिस्मिल्लाह खान के परिवारवालों ने शहनाई बजाई, लेकिन उन्होंने एक सुर में कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि वे कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं।
एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त से बातचीत में बिस्मिल्लाह खान के पोते आफाक हैदर ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी या अरविंद केजरीवाल ने उनसे शहनाई वादन के लिए कहा होता, तो वे उनके लिए भी जरूर परफॉर्म करते। उन्होंने कहा कि शहनाई सबके लिए है और हमारा संगीत बिकाऊ नहीं है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने जब 24 अप्रैल को वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था, तब बिस्मिल्लाह खान के परिवार ने उनका प्रस्तावक बनने से इनकार कर दिया था।
राहुल ने शनिवार को वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के लिए रोड शो किया। उनके इस शक्ति प्रदर्शन में बिस्मिल्लाह खान के बेटों की शहनाई की धुन और 'रघुपति राघव राजाराम' की गूंज भी सुनाई दी। कहा जा रहा है कि वाराणसी में राहुल का रोड शो, अमेठी में मोदी की रैली का जवाब है।
दरअसल, मोदी ने कुछ दिन पहले अमेठी में चुनावी सभा करके राहुल गांधी को कड़ी चुनौती दी थी। माना जा रहा है कि इसी वजह से राहुल ने भी काशी में चुनाव प्रचार किया। हाल ही में फैजाबाद में मोदी की हुई एक रैली के मंच पर भगवान राम की तस्वीर लगाई गई थी, जिस पर काफी विवाद हुआ था। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस ने उसी की काट में राहुल के रोड-शो के दौरान 'रघुपति राघव राजाराम' की धुन का सहारा लिया। इसके लिए बाकायदा एक अलग वाहन का इंतजाम किया गया था, जो राहुल के वाहन के पीछे-पीछे चल रहा था।
रोड शो में राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद व राज बब्बर समेत कई कांग्रेसी दिग्गज शामिल रहे। इस दौरान जगह-जगह राहुल पर फूल भी बरसाए गए।
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