तत्कालीन एनडीए सरकार के दौरान घाटी के लिए की गई पहलों की कश्मीर के राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही प्रशंसा के परिप्रेक्ष्य में नरेंद्र मोदी ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वह 'कश्मीर का भाग्य बदलने के लिए' अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों को आगे बढ़ाएंगे।
मोदी ने हीरानगर में पार्टी की पहली 'भारत विजय रैली' के अपने संबोधन में कहा, वाजपेयी द्वारा दिखाए गए रास्ते - इंसानियत, लोकतंत्र और कश्मीरियत को हम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर वाजपेयी सरकार को पांच और साल मिल गए होते, तो उससे कश्मीर का चेहरा बदल गया होता और समस्याएं खत्म हो गई होतीं।
उनकी इस टिप्पणी को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस और विपक्षी पीडीपी जैसे मुख्यधारा के दलों के अलावा मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाला अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस का उदारवादी धड़ा भी पिछले कुछ दिनों से वाजपेयी द्वारा कश्मीर के लिए उठाए गए कदमों की सराहना कर रहा है।
रैली में आने से पहले माता वैष्णो देवी मंदिर का दर्शन करने वाले मोदी ने अपने संबोधन में अनुच्छेद 370 का इस बार कोई उल्लेख नहीं किया और न ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस चुनौती के बारे में कुछ कहा, जिसमें उन्होंने उनसे खुली बहस करने को कहा है।
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