चुनाव आयोग ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बादल को यह नोटिस इस वजह से जारी किया गया है क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर बयान दिया था कि चुनावों में खर्च तो करोड़ों रुपये किए जाते हैं पर जानकारी बहुत कम पैसों की दी जाती है।
बादल ने कथित तौर पर लोगों से यह भी कहा था कि वे प्रचार के लिए गुप्त तरीके से धन दें।
बादल द्वारा प्रथम दृष्टया आचार संहिता के उल्लंघन किए जाने की बात मानते हुए आयोग ने उन्हें 2 मई की शाम तक अपने कथित बयान पर सफाई देने को कहा है। यदि बादल ने 2 मई की शाम तक जवाब दाखिल नहीं किया तो आयोग उन्हें सूचना दिए बगैर कार्रवाई करेगा।
पंजाब कांग्रेस के एक नेता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का प्रावधान स्पष्ट है कि 'सभी पार्टी और उम्मीदवार ऐसी भी गतिविधियों से परहेज करेंगे जो भ्रष्ट होती हैं और चुनावी कानून के तहत अपराध होती हैं..।'
बादल ने 12 अप्रैल को जालंधर में कथित तौर पर बयान दिया था कि 'प्रचार पर करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं जबकि हम अपने खर्च में बहुत कम की जानकारी देते हैं..गुप्त तरीके से दीजिए, खुलेआम नहीं।'
आयोग ने बादल को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 77 की भी याद दिलाई जिसके तहत सभी उम्मीदवारों को चुनाव के सिलसिले में हुए खर्च के बारे में सही-सही जानकारी देनी होती है।
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