झारखंड विधानसभा चुनाव 2014 के सभी परिणाम हमारे सामने हैं, और यहां बीजेपी और सहयोगियों की सरकार बनने जा रही है। यह बात हम सभी जगह पढ़ चुके हैं, लेकिन आइए, आपको बताते हैं, इन नतीजों से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें...
- तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा की खरस्वान सीट से हार के बाद पहली बार एक गैर-आदिवासी विधायक के मुख्यमंत्री बनने की संभावना प्रबल हुई है...
- सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से बोकारो सीट से बीजेपी के बिरंची नारायण (लगभग 72,000 वोटों से) जीते हैं, और सबसे कम वोटों के अंतर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पौलुस सुरीन (43 वोटों से) तोरपा विधानसभा सीट से जीते हैं...
- इस बार झारखंड विधानसभा में 34 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं...
- कुल 81 विधायकों में से 34 करोड़पति हैं...
- झारखंड की स्थापना के बाद से अब तक 14 वर्षों में पहली बार नौ महिला विधायक चुनकर आई हैं...
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ जगहों पर चुनावी सभाएं की थीं, जिनमें से चार सीटों पर पार्टी हार हुई, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चार सभा एं कीं, और कांग्रेस सभी जगह हारी, जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जिन आठ जगहों पर चुनावी सभाएं की थीं, कांग्रेस उनमें से मात्र एक सीट पर जीत दर्ज करा पाई है...
- झारखंड में अनुसूचित जनजातियों के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 13-13 सीटें हासिल हुईं, जबकि दो सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी हुए...
- अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित नौ सीटों में बीजेपी ने पांच सीटें जीतीं, उसकी सहयोगी आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन ने एक सीट पर जीत हासिल की, झारखंड विकास मोर्चा को दो सीटें मिलीं, और एक सीट पर अन्य उम्मीदवार विजयी रहा...
- झारखंड में छह पूर्व आईएएस या आईपीएस अधिकारी विभिन्न दलों से चुनावी मैदान में थे, और दिलचस्प तथ्य यह है कि जनता ने सभी को खारिज कर दिया...
- तीन पूर्व विधायक - फुरकान अंसारी, कुंती सिंह और दिनेश सारंगी - अपने पुत्रों - इरफान अंसारी, संजीव सिंह, कुणाल सारंगी - को चुनाव जितवाने में कामयाब रहे, जबकि चंद्रशेखर दुबे और इंदर सिंह नामधारी के पुत्र तथा प्रदीप बालमुचू की बेटी चुनाव नहीं जीत पाए...
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