हरियाणा और महाराष्ट्र में बुधवार होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मंच तैयार होने के साथ बिसात बिछ चुकी है, जिसे लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की सबसे बड़ी कसौटी के रूप में देखा जा रहा है, जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने का खम ठोक रही है।
दोनों राज्यों में मतदान बुधवार सुबह सात बजे शुरू हुआ और यह शाम छह बजे समाप्त हो गया। हरियाणा में 2009 का रिकॉर्ड टूटा है और मतदान 72.6 प्रतिशत हुआ है। वहीं मुंबई में 44 प्रतिशत मतदान हुआ है।
वहीं मतगणना 19 नवंबर को होगी।
इस चुनाव में राज्य में लंबे समय से जारी गठबंधनों को टूटने की घटना सामने आई। इस चुनाव से पहले कांग्रेस-राकांपा के बीच जहां 15 वर्ष पुराना गठबंधन टूट गया, वहीं भाजपा एवं शिवसेना के बीच 25 वर्ष पुरान गठबंधन भी टूट गया। अब चारों दल अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मुकाबले को पंचकोणीय बना रही है। कांग्रेस और राकांपा ने 1999 के बाद से राज्य में लगातार 15 वर्षों तक शासन किया है। हरियाणा में भाजपा अकेले चुनाव लड़ रही है और राज्य में कांग्रेस को सत्ता से हटाकर अपने दम पर सरकार बनाने का खम ठोक रही है। कांग्रेस हरियाणा में पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है।
महाराष्ट्र, हरियाणा के चुनाव में काफी कुछ दाव पर लगा हुआ है और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों राज्यों में 10 दिनों की अवधि में मोदी ने 38 रैलियों को संबोधित किया जिससे इसका स्वरूप मोदी बनाम शेष का हो गया है। दोनों राज्यों में कांग्रेस के प्रचार की कमान सोनिया गांधी ने संभाली थी जबकि राकांपा के प्रचार का नेतृत्व शरद पवार और शिवसेना का प्रचार उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे कर रहे थे।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए पंचकोणीय मुकाबला है, जिसमें 8.25 करोड़ मतदाता 4119 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव में 1699 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे अधिक 287 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि भाजपा ने 257, शिवसेना ने 282, राकांपा ने 278 और मनसे ने 219 उम्मीदवार चुनावी समर में उतारे हैं।
इस चुनाव में चार प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना और राकांपा को कसौटी पर कसा जायेगा। दूसरी ओर मनसे के प्रभाव पर भी नजर रहेगी। कांग्रेस-राकांपा गठबंधन ने महाराष्ट्र में 15 वषरे तक शासन किया।
लोकसभा चुनाव के कुछ ही समय बाद केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का कार दुर्घटना में निधन के बाद प्रदेश में प्रभाव रखने वाले स्थानीय भाजपा नेता के अभाव के बीच मोदी ने धुंआधार प्रचार करते हुए 27 रैलियां की। मुंडे की पुत्री पंकजा पर्ली सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उन्हें राज्य में उभरती हुई नेता के तौर पर देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं जबकि हरियाणा में 90 सीटें हैं।
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