लोकसभा चुनाव में बिहार के 40 संसदीय क्षेत्रों के लिए छह चरणों में निर्धारित मतदान के दो चरण अभी शेष हैं, लेकिन सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के नेता अभी से एक-दूसरे के सामने आ गए हैं। ऐसे में यह कयास लगाया जाने लगा है कि जेडीयू के लिए खराब दिन आने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव के परिणाम के नतीजे 16 मई को घोषित किए जाएंगे, लेकिन उसके पहले ही जेडीयू दो खेमों में बंटा दिखने लगा है। दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा से प्रत्याशी शरद यादव ने शुक्रवार को सार्वजनिक मंच से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के 'सेनापति' माने जाने वाले नीतीश कुमार पर जात-पात के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा दिया।
शरद यादव ने यह आरोप तब लगाया है, जब मधेपुरा में मतदान संपन्न हो चुका है। वह खुद मध्य प्रदेश से बिहार आकर यादव बहुल क्षेत्र मधेपुरा से चुनाव लड़ते रहे हैं।
मुजफ्फरपुर में जेडीयू के प्रत्याशी विजेंद्र चौधरी के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा में शरद ने खुलेआम कहा, हमने पहले लालू को मुख्यमंत्री बनाया, फिर नीतीश कुमार को। दोनों ने जाति की राजनीति को बढ़ावा दिया। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि दोनों जाति आधारित राजनीति में विश्वास करते हैं। इससे बिहार को नुकसान हुआ है।
इधर, इस बयान के बाद विपक्षियों को बैठे-बिठाए जेडीयू पर हमला करने का एक मौका मिल गया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन कहते हैं, शरद जी पुराने नेता हैं और उनका यह कहना स्वागत योग्य है। बीजेपी हमेशा से जाति के नाम पर राजनीति करने का विरोध करती रही है।
बीजेपी के बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडेय भी कहते हैं कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान से यह साफ हो गया है कि दोनों दलों का कांग्रेस के साथ अंदरूनी तालमेल है। वे कहते हैं कि दोनों नेताओं ने बिहार को बर्बाद कर दिया है और इस नुकसान से बिहार को बाहर निकालने का काम जनता करेगी।
इस बीच, उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने के सवाल पर भी जेडीयू दो धड़ों में बंटा नजर आया। बिहार प्रदेश जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को स्पष्ट कहा, वाराणसी में आप के प्रत्याशी केजरीवाल के पक्ष में प्रचार करने के लिए बिहार जेडीयू का कोई भी नेता नहीं जाएगा।
राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के बयान की ओर ध्यान दिलाने पर उन्होंने कहा, केजरीवाल के समर्थन के विषय में दिया गया बयान काफी जल्दबाजी में लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में अब दो चरण का मतदान शेष है और यहां की लड़ाई केजरीवाल से अहम है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता त्यागी ने गुरुवार को नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी को वाराणसी में हराने के लिए वहां आप के उम्मीदवार केजरीवाल को समर्थन देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि 5 मई को राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव केजरीवाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए जाएंगे। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता की मानें, तो शरद इस मामले को लेकर पहले ही ऐतराज जता चुके हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पूर्व संयोजक शरद यादव के संसदीय क्षेत्र में मतदान हो चुका है। शरद यादव को मधेपुरा से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार पप्पू यादव से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं यादव वोटों के बिखराव के कारण बीजेपी के प्रत्याशी विजय सिंह कुशवाहा की स्थिति अच्छी मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि शरद जेडीयू के एनडीए से बाहर होने के भी खिलाफ थे, हालांकि बाद में पार्टी के फैसले के सामने उन्हें झुकना पड़ा था।
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