राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी सूची में बीजेपी ने कई मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटे.
नई दिल्ली:
बीजेपी (BJP) ने राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly election, 2018) के लिए अब तक प्रत्याशियों की दो सूची जारी की है. जिसमें चार मौजूदा मंत्रियों और 43 विधायकों के नाम नहीं है. खास बात है कि अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले अपने विधायक ज्ञानदेव आहूजा को इस बार टिकट नहीं दिया है जबकि हाल ही में दूसरे दलों से पार्टी में आए अभिनेष महर्षि तथा गुरदीप शाहपीणी सहित चार लोगों को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने 31 प्रत्याशियों की दूसरी सूची बुधवार को जारी की. इसमें उसने 14 मौजूदा विधायकों व तीन मंत्रियों को टिकट नहीं दिया है. पार्टी टिकट से वंचित रहने वाले मंत्रियों में बाबूलाल वर्मा, धन सिंह रावत व राजकुमार रिणवा शामिल हैं.
पार्टी की इस सूची में एक बार फिर कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है. ‘हार्डकोर' हिंदू चेहरा माने जाने वाले ज्ञानदेव आहूजा (रामगढ़) को भी टिकट नहीं मिला है. इसके साथ ही कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी कहने वाले राज्यमंत्री धन सिंह रावत (बांसवाड़ा) को भी प्रत्याशी नहीं बनाया है. वसुंधरा राजे सरकार के जिस प्रमुख मंत्री के टिकट को लेकर अब भी संशय कायम है, वह नागौर से युनुस खान हैं।.पार्टी ने इस सीट से अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. इसी तरह जयपुर राजघराने से जुड़ीं दिया कुमारी (सवाईमाधोपुर) के टिकट पर भी संशय बना हुआ है. जहां तक पैराशूट प्रत्याशियों का सवाल है तो पार्टी ने बसपा से आए अभिनेष महर्षि को रतनगढ से, कांग्रेस से आए अशोक शर्मा को राजाखेड़ा से व महेश प्रताप सिंह को नाथद्वारा से प्रत्याशी बनाया है.
दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले व हाल ही में भाजपा में आए गुरदीप शाहपीणी संगरिया से पार्टी के प्रत्याशी होंगे. पार्टी की पहली सूची में 131 नाम थे. पार्टी दो सूची में अब तक कुल मिलाकर 162 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है. उसमें उसने चार मंत्रियों सहित 43 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है जबकि मौजूदा 92 विधायकों को फिर से प्रत्याशी बनाया है. 19 महिलाएं अब तक पार्टी की सूची में स्थान पा चुकी हैं. शिव क्षेत्र से पार्टी के मौजूदा विधायक मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में चले गए हैं. पार्टी ने यहां खुमाण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
वीडियो- 2019 का सेमीफाइनलः राजस्थान में कांग्रेस की बात उलझी या फिर सुलझी
पार्टी की इस सूची में एक बार फिर कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है. ‘हार्डकोर' हिंदू चेहरा माने जाने वाले ज्ञानदेव आहूजा (रामगढ़) को भी टिकट नहीं मिला है. इसके साथ ही कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी कहने वाले राज्यमंत्री धन सिंह रावत (बांसवाड़ा) को भी प्रत्याशी नहीं बनाया है. वसुंधरा राजे सरकार के जिस प्रमुख मंत्री के टिकट को लेकर अब भी संशय कायम है, वह नागौर से युनुस खान हैं।.पार्टी ने इस सीट से अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. इसी तरह जयपुर राजघराने से जुड़ीं दिया कुमारी (सवाईमाधोपुर) के टिकट पर भी संशय बना हुआ है. जहां तक पैराशूट प्रत्याशियों का सवाल है तो पार्टी ने बसपा से आए अभिनेष महर्षि को रतनगढ से, कांग्रेस से आए अशोक शर्मा को राजाखेड़ा से व महेश प्रताप सिंह को नाथद्वारा से प्रत्याशी बनाया है.
दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले व हाल ही में भाजपा में आए गुरदीप शाहपीणी संगरिया से पार्टी के प्रत्याशी होंगे. पार्टी की पहली सूची में 131 नाम थे. पार्टी दो सूची में अब तक कुल मिलाकर 162 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है. उसमें उसने चार मंत्रियों सहित 43 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है जबकि मौजूदा 92 विधायकों को फिर से प्रत्याशी बनाया है. 19 महिलाएं अब तक पार्टी की सूची में स्थान पा चुकी हैं. शिव क्षेत्र से पार्टी के मौजूदा विधायक मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में चले गए हैं. पार्टी ने यहां खुमाण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
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