कांग्रेस ने 'विकास का गुजरात मॉडल' परोसने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 'वह खुद को गुजरात का प्रधानमंत्री समझते हैं।'
चिदंबरम ने पत्रकारों से कहा, 'वह अपने भीतर से गुजरात को निकाल नहीं सकते। वह प्रधानमंत्री हैं, इस बात से हट नहीं सकते। इसलिए उन्होंने खुद को गुजरात का प्रधानमंत्री सोच कर एक संतुलन कायम किया है। मैं समझता हूं कि वह अब भी गुजरात के सीएम और भारत के पीएम के बीच बंटे हैं। मैं समझता हूं कि वह गुजरात का पीएम पर टिके हैं।'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी अब भी '26 मई से पूर्व के रंग' में हैं और महाराष्ट्र एवं हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस अंदाज में चुनाव प्रचार कर रहे हैं जैसे वह गुजरात के मुख्यमंत्री हों।
चिदंबरम ने कहा, 'वह अब गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं हैं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री हैं। इसलिए लोगों को उनसे पूछने का हक है कि सरकार में 120 दिन के दौरान क्या उपलब्धि है।' उन्होंने मोदी और अन्य भाजपा नेताओं के इन दावों की भी खिल्ली उड़ाई कि गुजरात विकास के मामले में महाराष्ट्र से आगे है।
चिदंबरम ने कहा, 'इस दावे के समर्थन में कुछ नहीं है कि गुजरात महाराष्ट्र से बेहतर है। इसमें कोई शक नहीं कि महाराष्ट्र भारत का अग्रणी औद्योगिक राज्य है। यह सबसे ज्यादा देशी और विदेशी निवेश आकर्षित करता है।'
चिदंबरम ने कहा, 'महाराष्ट्र को बदनाम करना नाइंसाफी और कृपणता होगी। यह कहना बेहूदगी है कि महाराष्ट्र में पिछले इतने साल में कुछ नहीं हुआ।' उन्होंने कहा कि 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई महाराष्ट्र में आता है और यहां 'गुजरात माडल' बेचने की कोशिश करता है।'
चिदंबरम ने दावा किया कि मोदी सरकार नाम बदल कर संप्रग सरकार की अनेक परियोजनाएं चला रही है।
उन्होंने कहा, 'हमारा निर्मल भारत अभियान था। उन्होंने इसका नाम बदल कर स्वच्छ भारत अभियान कर दिया। हमने जीरो बैंक बैलेंस एकाउंट स्कीम शुरू की थी जिसे उन्होंने बदल कर प्रधानमंत्री जन धन स्कीम कर दिया।'
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