समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनौती देने उतरे राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने यादव को उत्तर प्रदेश का नरेंद्र मोदी करार देते हुए रविवार को कहा कि इन दोनों के बीच कोई फर्क नहीं है। मुलायम मोदी को वाकई रोकना चाहते हैं तो वह उनके खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ें। ऐसे में उलमा काउंसिल सपा प्रमुख का समर्थन करेगी।
रशादी ने कहा, 'गुजरात के मोदी नरेन्द्र मोदी हैं तो उत्तर प्रदेश के मोदी मुलायम सिंह यादव हैं। कहा जा रहा है कि मुलायम मोदी को रोकने के लिए आजमगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। अगर यह सही है तो वह मोदी के खिलाफ वाराणसी से सीधी टक्कर क्यों नहीं लेते।'
उन्होंने कहा कि मोदी तो बनारस से लड़ रहे हैं। मुलायम को वहां से लड़ना चाहिए। अगर वह मोदी के मुकाबले लड़ते हैं तो उलमा काउंसिल उनका समर्थन करेगी। हम उनका समर्थन करेंगे। मोदी आजमगढ़ से तो लड़ नहीं रहे हैं, तो फिर मुलायम आजमगढ़ से चुनाव क्यों लड़ रहे हैं।
रशादी ने कहा 'सपा ने वर्ष 2009 के पिछले लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से भाजपा नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। हमारे लिए मुलायम और भाजपा में कोई फर्क नहीं है।' उन्होंने कहा कि मोदी ने गुजरात में दंगे कराए और उसके पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया। ठीक वैसा ही मुलायम की पार्टी की सरकार ने मुजफ्फरनगर के साथ किया।
यह पूछे जाने पर कि वह आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे तो मुस्लिम वोट और अधिक बंट जाएगा, जिससे भाजपा को फायदा होगा। रशादी ने कहा, 'जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने भाइयों से लड़ने को कहा था तब अर्जुन तैयार नहीं थे। कृष्ण ने उन्हें समझाते हुए कहा था कि जब कोई व्यक्ति अन्याय का साथी हो जाए तो वह नैतिक और इंसानी तौर पर खुद ही मर जाता है। मारना तो महज एक कार्य है।'
उन्होंने कहा 'मुलायम अत्याचारी हैं। मैं उनके खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहा हूं। यह जालिम और मजलूम की लड़ाई है। कौन जीतेगा और हारेगा यह अल्लाह पर छोड़ देते हैं।'
गौरतलब है कि रशादी ने कल सपा प्रमुख के खिलाफ आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। उनकी पार्टी लखनऊ समेत राज्य की 23 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़े करेगी।
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