दो नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप के बाद हत्या की वारदात के बाद नेताओं के बदायूं पहुंचने का सिलसिला जारी है। आज बीएसपी सुप्रीमो मायावती बदायूं पहुंचीं। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें पार्टी की तरफ से पांच-पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
मायावती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा सपा सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है। परिवार के लोग डरे हुए हैं और गांव में दहशत का माहौल है। उन्होंने कहा कि सरकार अब हरकत में आए और अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाएं। पूरे यूपी में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है।
बदायूं जाने से पहले मायावती ने अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि पीड़ित परिवार इसलिए सीबीआई जांच की मांग कर रहा है, क्योंकि उसे पता है कि यहां की सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगी। यूपी में कानून-व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने राज्य में हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध का जिक्र करते हुए मांग की कि अगर यूपी में समाजवादी पार्टी से सरकार नहीं चल पा रही है तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। मायावती ने केन्द्र सरकार से कहा कि वह तय करे कि इस मामले की जांच एक तय समय के अंदर पूरी की जाए। अफसरों के तबादले नाकाफी हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध जारी हैं। बस्ती में लड़की को जलाने की कोशिश हुई है वहीं मैनपुरी से भी तीन बहनें लापता हैं। मायावती ने मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा के मुखिया का रुख़ बलात्कारियों पर नरम है।
उधर, समाजवादी पार्टी के बदायूं से सांसद और मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी आज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। घटना के पांच दिन बाद मौके पर पहुंचकर उन्होंने पीड़ित परिवार का हाल जाना।
धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जो लोग लगातार आ रहे हैं, वे पुलिस को डिस्टर्ब कर रहे थे। हमारी सबसे पहले इच्छा थी कि पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई हो। 72 घंटे के अंदर सारे मुजलिमों को गिरफ्तार कर लिया गया है। केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में डाला गया है। इसके साथ ही केस सीबीआई को दे दिया गया है। लोगों ने जिस कार्रवाई की मांग की थी, वह की गई है। इसके साथ ही हमारी मांग है, पीएम, पीएमओ और सीबीआई से कि जल्द से जल्द दूध का दूध और पानी का पानी कर दे।
इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मिलकर इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया था। वहीं इस बीच अखिलेश यादव ने बदायूं मामले की सीबीआई जांच का फैसला लिया है। पीड़ित परिवार ने सरकारी मुआवजा लेने से साफ मना कर दिया है।
गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात शौच के लिए गई 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटकते पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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