लोकसभा चुनावों में हार के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में आपसी घमासान बढ़ गया है और पार्टी के नेता एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने मे लगे हैं। विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है, ऐसे में घबराहट ज्यादा है कि लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी सफाया ना हो जाए।
हार के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेसी मंत्री नारायण राणे और नितिन राउत ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने अपने मंत्रीपद छोड़ दिए हैं।
महाराष्ट्र में भी बीजेपी ने खुद की केवल एक सीट हारी। उसने गठबंधन के साथ मिलकर महाराष्ट्र की 48 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की है।
इससे कांग्रेस का जैसे सूपडा साफ़ हुआ। कांग्रेस को जो 2 सीटें मिली उसमें पार्टी का कोई योगदान नहीं है।
ऐसे में खुद के इस्तीफ़े दे कर कांग्रेस के मंत्रियो ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर ही दबाव बनाया है। हारे हुए कांग्रेस के प्रत्याशी भी चव्हाण के रवैये से नाराज चल रहे हैं।
पार्टी नेता संजय निरुपम ने कहा कि वह इस बाबत मीडीया से नहीं, पार्टी के फोरम में अपनी बात रखेंगे।
वहीं, जीत से उत्साहित बीजेपी ने राज्य में तुरंत विधानसभा के चुनाव कराने की मांग की है।
इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य में खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी तो ली है, लेकिन सूत्रों के हवाले खबर है कि वह अपना इस्तीफ़ा नहीं देंगे। दरअसल, राज्य के कई कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री पर इस्तीफ़े का दबाव बना रहे हैं। लेकिन, पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि अगर उनके इस्तीफ़े की ज़रूरत है तो इसका फ़ैसला पार्टी हाईकमान करे।
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