कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हिन्दी अखबार 'दैनिक भास्कर' को दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी, वह उसे निभाने के लिए तैयार है। उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। इसके जवाब में राहुल ने कहा फिलहाल उन्हें पार्टी ने एक जिम्मेदारी दी है, जिसे वह शिद्दत से निभा रहे हैं और आगे भी उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसे निभाने के लिए तैयार हैं। (दैनिक भास्कर को दिया राहुल गांधी का पूरा साक्षात्कार पढ़ें)
अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के राजनीति में आने के सवाल पर भी राहुल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राहुल ने कहा, प्रियंका उनकी बहन, दोस्त और कांग्रेस की कर्मठ कार्यकर्ता हैं और इस नाते वह मेरी मदद करती हैं, इससे अधिक चुनावों में उनकी किसी भूमिका की मुझे उम्मीद नहीं है।
नरेंद्र मोदी के बारे में सवाल पूछने पर राहुल ने कहा कि बीजेपी आजकल एक व्यक्ति पर केंद्रित पार्टी हो गई है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है। इस इंटरव्यू में राहुल से आम आदमी पार्टी को लेकर भी राहुल से सवाल किए गए।
राहुल ने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के काम करने का तरीका अलग है। हालांकि उन्होंने यह माना कि कुछ ऐसे काम जो कांग्रेस करना चाहती है, उसे केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली में करके दिखाया है।
राहुल गांधी ने कहा, मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा, मैं उसका पालन करूंगा। कांग्रेस जो भी कहेगी, मैं करने को तैयार हूं... हमारी पार्टी में फैसले वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, पहले भी कुछ फैसले लिए गए... सत्ता जहर है... लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जिम्मेदारी संभालने का इच्छुक नहीं हूं। मेरी जिंदगी में हठधर्मिता का कोई शब्द नहीं है...कांग्रेस ने जो भी मुझसे चाहा, मैंने किया है।
पिछले वर्ष जनवरी में जयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर कि उनकी मां सोनिया गांधी ने उन्हें बताया है कि सत्ता जहर है...इससे इन अटकलों को हवा मिली थी कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष जिम्मेदारी संभालने के इच्छुक नहीं हैं। इससे विपक्ष को भी पार्टी पर हमला करने का मौका मिल गया था।
अपनी टिप्पणी की व्याख्या करते हुए राहुल ने कहा, सत्ता जहर है... यह एक अवलोकन है कि जब सत्ता आती है, तो सत्ताधारी को यह पता होना चाहिए कि इसके साथ आने वाले खतरों से कैसे निपटना है। कहने का मतलब यह है। सत्ता के जहर होने का मतलब है कि सत्ता का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए करो और किसी को इसका इस्तेमाल खुद को बड़ा या अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए नहीं करना चाहिए।
(कुछ अंश भाषा से भी)
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