तस्वीर एक, 12 तुगलक लेन। राहुल गांधी का सरकारी निवास। सोमवार को यहां सुबह से ही गहमागहमी रही। साढ़े ग्यारह बजे के करीब सिख समुदाय का एक जत्था यहां प्रदर्शन करने पहुंचा। ये राहुल गांधी से मांग कर रहे हैं कि वे उन कांग्रेसियों के नाम बताएं जो उनके मुताबिक़ 84 की हिंसा में शामिल थे।
इस मामले ने तब से फिर तूल पकड़ लिया है जबसे राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा कि इसमें कुछ कांग्रेसी शामिल थे। पहले कांग्रेस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन हुआ। सोनिया गांधी और राहुल गांधी हाय हाय के नारे लगे। यही नजारा यहां भी है। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से धक्का मुक्की हुई। कुछ एक बैरिकेड तोड़ दूसरी तक पहुंचे। लेकिन राहुल तक पहुंचना मुमकिन नहीं। दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के बाद एसपीजी का सुरक्षा घेरा है। कोर्ट पैंट और कान में इयर प्लग लगाए एसपीजी के अधिकारी पूरी तरह एलर्ट पर हैं।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व अकाली दल कर रहा है। जाहिर है सिखों के जख्म पर मरहम लगाने के बहाने सियासी फायदे का गुणाभाग भी इसमें शामिल है। लेकिन 84 की हिंसा पर राहुल के बयान के बाद हो रहे प्रदर्शनों पर कांग्रेस खुल कर नहीं बोल रही। अपने नेता को डिफेंड करने पार्टी का कोई बड़ा नेता सामने नहीं आ रहा।
तस्वीर दो, शाम के चार बजे। राहुल के घर के सामने फिर सैंकड़ों प्रदर्शनकारी जुटे हैं। लेकिन ये राहुल गांधी हाय हाय की बजाय राहुल गांधी ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर दिल्ली के रेहड़ी पटरी वाले हैं। इनके पास शिकायतों का पुलिंदा है। रेहड़ी या पटरी पर अपनी दुकान लगाने के लिए कोई ऐसी जगह नहीं जिसे ये अपना कह सकें।
इन लोगों के साथ यहां भोजराम भी आए हैं। उम्र है 62 साल। रोहिणी के सेक्टर एक में पिछले तीस साल से रेहड़ी पर फल बेचते है। उनकी मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती गई हैं। कभी एमसीडी वाले, तो कभी पुलिस वाले अवैध वसूली कर जाते हैं। पैसे नहीं देने पर रेहड़ी उठा ले जाते हैं। भगा देते हैं।
यूपीए सरकार स्ट्रीट वेंडर बिल 2012-13 लोकसभा में पास कराने में कामयाब रही है। लेकिन ये राज्य सभा में अटका है। राहुल से मिल वेंडर्स ने मांग किया कि इसे जल्द पास कराया जाए। राहुल ने भरोसा दिया। कहा ये आपके हक का बिल है, पूरी कोशिश करेंगे।
यह सब कुछ मीडिया के कैमरे के सामने हो रहा था। नेता के तौर पर राहुल हर तबके के लोगों से मिलते रहते हैं। लेकिन नई बात ये है कि राहुल अब अत्यधिक सक्रिय हो गए हैं। मीडिया के लिए जहां ना-ना होती थी, वहीं मीडिया को संदेश भेज कर बुलाया जा रहा है। पार्टी की कोशिश साफ नजर आती है कि राहुल न सिर्फ मेहनत करें, बल्कि वह मेहनत करते हुए, आम आदमी से बात करते हुए दिखे भीं।
रेहड़ी पटरी वालों को भरोसा देने के बाद राहुल ने जंतर मंतर का रुख किया। नीडो की मौत के बाद यहां उत्तर पूर्व के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल ने भरोसा दिया कि वह नीडो की हत्या के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चत करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक भारत में भरोसा करते हैं, जहां भारत के हर नागरिक को एक जैसे सम्मान का हक है।
इससे जाहिर होता है कि राहुल ने अहम मुद्दों पर चुप रहने की अपनी आलोचनाओं से सीख ली है। वह हर दिन के मुद्दे से, हर आदमी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं।
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