चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि वह अगले हफ्ते अपने शीर्ष अधिकारियों की बैठक में अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर विचार करेगा।
एक वरिष्ठ आयोग अधिकारी ने पीटीआई को बताया, रक्षा मंत्रालय ने हमसे राय मांगी है और यह मुद्दा विचाराधीन है। अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा, यह मुद्दा अभी तक 'पूर्ण आयोग' (मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त) के एजेंडे में पेश नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, बैठक सोमवार या मंगलवार को हो सकती है, जिसमें इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
चुनाव आयोग 27 मार्च के अपने आदेश के आलोक में इस मुद्दे पर विचार करेगा, जिसमें कहा गया था कि जारी चुनाव में और भविष्य के चुनावों में भी सशस्त्र बलों से जुड़ी नियुक्तियां, पदोन्नति, निविदाएं, खरीदारियां आदर्श चुनावी आचार संहिता के दायरे में नहीं आती हैं।
बीजेपी ने सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने पर आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि सरकार इस मामले मे जल्दबाजी कर रही है। अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर बीजेपी के सख्त विरोध के बीच सरकार ने यह कहते हुए इस मामले में चुनाव आयोग से राय मांगी कि आयोग से मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर कोई फैसला किया जाएगा।
रक्षा मंत्री एके एंटनी से जब अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति की स्थिति पर पूछा गया था, तो उन्होंने जवाब दिया था, मामला चुनाव आयोग के समक्ष है। हम इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला करने से पहले तमाम प्रक्रियाओं पर सख्ती से अमल करना चाहते हैं।
चुनाव आयोग के 27 मार्च के आदेश के बावजूद सेना प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर आयोग की राय लेने के बाबत मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि ऐसे मामले अहम हैं और यह महसूस किया गया कि आगे बढ़ने से पहले सभी संबंधित प्राधिकारों से मंजूरी ली जानी चाहिए। बीजेपी इसका विरोध कर रही है और उसकी दलील है कि इसे अगली सरकार पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग सेना प्रमुख के इस शीर्ष पर पर नियुक्ति की होड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह इस साल 31 जुलाई को अवकाश ग्रहण करेंगे।
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