पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने वर्ष 2009 में कांग्रेस को समर्थन देने वाले हरियाणा जनहित कांग्रेस के पांच विधायकों को अयोग्य करार दिया है। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य में नए चुनावों की दहलीज़ पर खड़ा है और इसी महीने के आखिर तक नई सरकार भी चुन ली जाएगी।
दरअसल, वर्ष 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों में कांग्रेस ने 90 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी, और बहुमत पाकर दोबारा सरकार बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पांच विधायकों की दरकार थी।
इसी चुनाव में छह सीटों पर कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस ने छह सीटें जीती थीं, जिनमें से पांच विधायकों धर्म सिंह छौक्कर, सतपाल सांगवान, जिले राम, विनोद भ्याना और राव नरेंद्र सिंह ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। कुलदीप बिश्नोई ने इसे दलबदल कानून का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अब पांचों विधायकों को हाईकोर्ट द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा है कि राज्य की हुड्डा सरकार अल्पमत में आ गई है और उसे हटाने के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा।
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