दो दशक से सत्ता पर काबिज कांग्रेस का सफाया कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की। बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ जीत का इतिहास बनाया है, वहीं कांग्रेस के साथ हार का इतिहास जुड़ गया है। क्योंकि आजादी के बाद देश में हुए अबतक के आम चुनावों में कांग्रेस का इतना खराब प्रदर्शन कभी नहीं रहा था।
साल 2004 से सत्ता पर काबिज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को अब तक की सबसे शर्मनाक हार मिली है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में दो अंकों तक सिमट कर रह गई है और यह उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। कांग्रेस ने 2009 में 206 सीटें जीती थी।
कांग्रेस को अगर लोकसभा की कुल सीटों में से 10 फीसदी सीटें नहीं मिल पाती हैं, तो उसे नेता प्रतिपक्ष के कैबिनेट रैंक से भी हाथ धोना पड़ सकता है। कांग्रेस सात राज्यों में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रही, वहीं किसी भी एक राज्य में उसे 10 सीटें नहीं मिलती दिख रहीं।
कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। इनमें केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, अजय माकन और पवन कुमार बंसल शामिल हैं।
हार से क्षुब्ध कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दी। वहीं जयराम रमेश ने कहा, 'हमारा प्रदर्शन खराब से भी खराब रहा।'
गौरतलब है कि बीजेपी अकेले 283 सीटें जीतने के करीब है, जबकि सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के लिए 272 सीटों की ही जरूरत होती है। ऐसी संभावना है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 21 मई को नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं।
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