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This Article is From Jan 17, 2014

कांग्रेस आने वाली लड़ाई के लिए तैयार, राहुल पर कार्यसमिति का फैसला अंतिम : सोनिया गांधी

कांग्रेस आने वाली लड़ाई के लिए तैयार, राहुल पर कार्यसमिति का फैसला अंतिम : सोनिया गांधी
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के नाम पर हो रही नारेबाजी पर कहा कि पार्टी का फैसला सबको बता दिया गया है, वही अंतिम है। कांग्रेस आने वाली लड़ाई के लिए तैयार है। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस में पीएम उम्मीदवार बनाए जाने की परंपरा नहीं रही है।

सोनिया ने कहा तरक्की सिर्फ शिक्षा से ही हासिल की जा सकती है, इसलिए हमने शिक्षा के अधिकार का कानून बनाया है। दलित, अल्पसंख्यक और गरीब बच्चों के लिए वजीफे की व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के लिए लाखों स्वयं सहायता समूह बनाने में मदद की है, जो लाखों महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने में मदद कर रहे हैं। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा और बच्चों के यौन उत्पीड़न को लेकर भी कानून सख्त किए हैं।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद को किनारे रखते हुए इस नई साझेदारी के साथ बड़ी तदाद में विकास योजनाएं चली हैं। क्या किसी और सरकार ने इतना कुछ किया है? हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए तमाम मुश्किलों के बावजूद मनमोहन सिंह ने अपने लक्ष्यों को पूरा करते हुए सरकार का नेतृत्व किया है। सोनिया ने आगे कहा कि मनरेगा से गांवों को रोजगार मिला है। हम एतिहासिक खाद्य सुरक्षा बिल हम लेकर आए हैं।

सोनिया ने कहा, हमारे देश के ताने-बाने को सांप्रदायिकता से खतरा है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इनका मुख्य रास्ता कट्टरता और द्वेष और सांप्रदायिकता फैलाने का है, उनका रास्ता हिंसा फैलाने का है। इस तरह की सरकार को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है... इस तरह की सांप्रदायिक विचारधाराओं के खिलाफ हमने कभी समझौता नहीं किया, संघर्ष किया है।

उन्होंने कहा, देश में एक उथल-पुथल है। हमारी नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता से एक बहुत बड़ा मध्य वर्ग उभरा है। इस देश में हर एक परिवर्तन हमारी पार्टी की वजह से ही हुआ है। हमारी पार्टी ने ही अपने देश को कृषि, उद्योग और तकनीक का केन्द्र बनाया है।

सोनिया ने कहा, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक गरीबी का यह अभिशाप हमारी धरती से पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता है। हमारी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने बिना किसी स्वार्थ के पार्टी को शक्ति दी है। ऐसे सभी कार्यकर्ता जो कभी हार नहीं मानते, मैं उनका अभिनंदन करती हूं।

सोनिया ने कहा, हमने लंबे इतिहास में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, हार भी और जीत भी, राजनीति में इनसे बचा नहीं जा सकता, लेकिन हमारी खूबी है कि हम हमेशा जीवंत रहेंगे। हम आने वाली चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेंगे।

इससे पहले, अधिवेशन से पहले राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर पार्टी ने गुरुवार को सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि पार्टी पीएम पद का उम्मीदवार घोषित ही नहीं करेगी, लेकिन आम चुनावों की कमान राहुल गांधी ही संभालेंगे।

पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा चुनावों में जीत की है, लेकिन विधानसभा चुनावों में मिली हार को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपीए के लिए तीसरी बार सत्ता में लौटने की राह आसान नहीं होगी।

राहुल गांधी को पार्टी भले ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित न करे, लेकिन यह भी तय है कि पार्टी अगर सत्ता में आई, तो राहुल को ही कमान मिलेगी। उन्हें चुनाव प्रचार की कमान सौंपकर कांग्रेस ने उन्हें अपना सबसे बड़ा नेता घोषित कर दिया है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या नरेंद्र मोदी के मुकाबले कांग्रेस राहुल गांधी को बचा रही है...

गुरुवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद जब पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी मीडिया के सामने आए, तो लगा कि वह कोई बड़ा ऐलान करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में हर कोई राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार देखना चाहता था, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करना कांग्रेस की परंपरा नहीं रही है।

राहुल गांधी को एक साल पहले जयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में पार्टी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और अब ठीक एक साल बाद उन्हें प्रचार अभियान की कमान सौंपी जा रही है। नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के लिए भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू के जमाने से लेकर सोनिया गांधी की अगुवाई में लड़े गए 2004 के चुनावों तक कभी भी किसी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का सवाल नहीं उठा है।

उन्होंने कहा, यह हमेशा से स्पष्ट रहा है कि कांग्रेस में नेता कौन है। यह हमारे लिए कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि यह उन पार्टियों के लिए मुद्दा है, जिनमें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को लेकर तगड़ी प्रतिस्पर्धा और खींचतान है।

(इनपुट भाषा से भी)

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