वाईएसआर कांग्रेस के लिए रविवार को उस समय असहजता की स्थिति पैदा हो गई, जब उसके एक सांसद ने आंध्रप्रदेश में सरकार बनाने के लिए तैयार प्रतिद्वंद्वी दल तेदेपा की सदस्यता ले ली।
तीन बार नांदयाल से सांसद रह चुके एसपीवाई रेड्डी चुने तो वाईएसआर की टिकट पर गए थे लेकिन आज वे तेदेपा में शामिल हो गए। वे वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए थे।
रेड्डी ने बताया, ‘‘मैं तेदेपा में शामिल हुआ हूं क्योंकि भाजपा केंद्र में सत्ता में है और तेदेपा सीमांध्र में सत्ताधारी पार्टी है। तेदेपा के साथ जुड़कर मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र की बेहतर सेवा कर सकता हूं।’’
रेड्डी ने आज आंध्रप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की और पार्टी में शामिल होने की अपनी इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि उन्होंने तेदेपा में शामिल होने के अपने इस औचक फैसले के बारे में वाईएसआर कांग्रेस से बात नहीं की है।
रेड्डी द्वारा पार्टी बदल लेने को हैरत के साथ देखा जा रहा है क्योंकि वे पार्टी प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलने के लिए गए वाईएसआर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
हालांकि ऐसी भी खबरें थीं, कि वाईएसआर कांग्रेस का कोई अन्य सांसद तेदेपा में शामिल हुआ है लेकिन इस बारे में कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
इसी बीच, वाईएसआर कांग्रेस के नेता और सांसद ने हैदराबाद से कहा कि इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि रेड्डी तेदेपा में शामिल हो जाएंगे।
सांसद ने कहा, ‘‘जब खबरें आईं कि उन्होंने नायडू से संपर्क किया है तो मैंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ऐसा हो न सका।’’ वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा सीमांध्र में कड़े राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। सीमांध्र के तहत रायलसीमा और तटीय आंध्र आते हैं।
वाईएसआर कांग्रेस से रेड्डी के जाने के बाद लोकसभा में अब पार्टी के 8 सदस्य हैं।
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