विज्ञापन
This Article is From May 15, 2017

शादी अमान्य होने तक पति को देना होगा पत्नी को गुजारा भत्ता :अदालत

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने कहा, ‘मेरा यह मानना है कि जब तक पति और पत्नी की शादी समाप्त नहीं हो जाती है तब तक महिला घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत लाभ और सुरक्षा की अधिकारी है क्योंकि यह अधिनियम महिला के लिए उदार है.

शादी अमान्य होने तक पति को देना होगा पत्नी को गुजारा भत्ता :अदालत
प्रतीकात्मक तस्वीर
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पुरष ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को सत्र अदालत में चुनौती दी
महिला इस पुरष से शादी करने से पहले शादीशुदा थी
हिंदू विवाह अधिनियम के तहत इस मामले में तलाक याचिका दायर हो चुकी है
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि एक शादीशुदा महिला घरेलू हिंसा कानून के तहत तब तक सुरक्षा और लाभ की हकदार रहती है जब तक कि पति-पत्नी की शादी खत्म होने का आज्ञा पत्र नहीं मिल जाता है. सत्र अदालत ने एक पुरष के समक्ष इस कानून को साफ किया है. पुरष ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को सत्र अदालत में चुनौती दी थी. अदालत ने पुरष को उससे अलग रह रही पत्नी को इस आधार पर 5,000 रपये अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था कि महिला इस पुरष से शादी करने से पहले शादीशुदा थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने कहा, ‘मेरा यह मानना है कि जब तक पति और पत्नी की शादी समाप्त नहीं हो जाती है तब तक महिला घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत लाभ और सुरक्षा की अधिकारी है क्योंकि यह अधिनियम महिला के लिए उदार है. हिंदू विवाह अधिनियम के तहत इस मामले में तलाक याचिका दायर हो चुकी है.’ अदालत ने पुरष की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि निचली अदालत के आदेश में कुछ भी न्यायविरूद्ध या अनुचित नहीं है. अदालत ने कहा कि गुजारा भत्ता वाला एक अंतरिम आदेश था जिसे मुख्य याचिका के निपटान के समय संशोधित किया जा सकता है.

पुरष ने निचली अदालत के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि निचली अदालत ने उनकी शादी को लेकर इस तथ्य पर विचार नहीं किया कि महिला के पहले से शादीशुदा होने की वजह से उन दोनों की शादी अमान्य है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com