केजरीवाल ने भी ऑड ईवन के दौरान की कार पूलिंग
नई दिल्ली:
लंबे सप्ताहांत के बाद आज दफ्तरों, स्कूलों और अन्य संस्थानों के खुलने के साथ सम-विषम योजना के दूसरे चरण की असल परीक्षा हुई। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कार्यालय पहुंचने के लिए परिवहन मंत्री गोपाल राय के साथ कार साझा की।
कुछ जगहों पर देखा गया काफी रश...
हालांकि 15 अप्रैल से इस योजना के लागू होने के बाद आज पहले वर्किंग डे पर आईटीओ पर और अक्षरधाम के पास आज सुबह भारी यातायात देखा गया। परिवहन मंत्री ने कहा, ‘आज सम-विषम की असली परीक्षा है। योजना के पहले चरण की तरह, हम सभी को इस दूसरे चरण को भी सफल बनाना है।’ केजरीवाल और लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज दिल्ली सचिवालय तक पहुंचने के लिए राय के साथ कार साझा की। बुराड़ी, उत्तम नगर और कई अन्य इलाकों में कुछ मार्गों पर डीटीसी और क्लस्टर बसें यात्रियों से भरी पड़ी थीं।
योजना के दौरान और अधिक यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए मेट्रो ने अपने फेरे बढ़ा दिए हैं। योजना के लागू होने के बाद आज पहला पूर्ण कार्य दिवस है। दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेटों, एसडीएम, एडीएम और तहसीलदारों को तैनात किया है। उल्लंघनकर्ता चालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजधानी की सड़कों पर परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा के 210 दलों के अलावा यातायात पुलिस के 2000 कर्मियों को भी तैनात किया गया है।
योजना के पहले चरण में जहां जोर जागरुकता और ऐच्छिक पालन पर था, वहीं इस बार सरकार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। पहले दो दिन में अब तक 2300 से ज्यादा चालान काटे जा चुके हैं। जबकि एक जनवरी से 15 जनवरी तक के पिछले चरण में इतनी ही अवधि में 479 चालान काटे गए थे।
ऑटोरिक्शा संघ और टैक्सी संघ ने आज हड़ताल न करने का फैसला लिया
रविवार के अलावा बाकी दिनों में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू इन नियमों का उल्लंघन करने पर मोटर वाहन कानून के तहत 2000 रूपए का जुर्माना लगाया जाता है। शहर की सरकार की ओर से मांगें माने जाने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी संघ ने आज हड़ताल करने की अपनी अपील कल रात को वापस ले ली।
15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस दूसरे चरण में सरकार ने योजना के नियमों से छूट वाली सूची में उन लोगों को भी शामिल कर लिया है, जो स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चों के साथ जा रहे होंगे। हालांकि सरकार इस बात का हल नहीं निकाल पाई कि बच्चों को स्कूल छोड़कर आ रही या छुट्टी के समय उन्हें लेने जा रही कारों में सवार लोगों को होने वाली समस्या का निपटान कैसे होगा। इस क्रम में सरकार ने कार-पूलिंग का सुझाव दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कुछ जगहों पर देखा गया काफी रश...
हालांकि 15 अप्रैल से इस योजना के लागू होने के बाद आज पहले वर्किंग डे पर आईटीओ पर और अक्षरधाम के पास आज सुबह भारी यातायात देखा गया। परिवहन मंत्री ने कहा, ‘आज सम-विषम की असली परीक्षा है। योजना के पहले चरण की तरह, हम सभी को इस दूसरे चरण को भी सफल बनाना है।’ केजरीवाल और लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज दिल्ली सचिवालय तक पहुंचने के लिए राय के साथ कार साझा की। बुराड़ी, उत्तम नगर और कई अन्य इलाकों में कुछ मार्गों पर डीटीसी और क्लस्टर बसें यात्रियों से भरी पड़ी थीं।
योजना के दौरान और अधिक यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए मेट्रो ने अपने फेरे बढ़ा दिए हैं। योजना के लागू होने के बाद आज पहला पूर्ण कार्य दिवस है। दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेटों, एसडीएम, एडीएम और तहसीलदारों को तैनात किया है। उल्लंघनकर्ता चालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजधानी की सड़कों पर परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा के 210 दलों के अलावा यातायात पुलिस के 2000 कर्मियों को भी तैनात किया गया है।
योजना के पहले चरण में जहां जोर जागरुकता और ऐच्छिक पालन पर था, वहीं इस बार सरकार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। पहले दो दिन में अब तक 2300 से ज्यादा चालान काटे जा चुके हैं। जबकि एक जनवरी से 15 जनवरी तक के पिछले चरण में इतनी ही अवधि में 479 चालान काटे गए थे।
ऑटोरिक्शा संघ और टैक्सी संघ ने आज हड़ताल न करने का फैसला लिया
रविवार के अलावा बाकी दिनों में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू इन नियमों का उल्लंघन करने पर मोटर वाहन कानून के तहत 2000 रूपए का जुर्माना लगाया जाता है। शहर की सरकार की ओर से मांगें माने जाने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी संघ ने आज हड़ताल करने की अपनी अपील कल रात को वापस ले ली।
15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस दूसरे चरण में सरकार ने योजना के नियमों से छूट वाली सूची में उन लोगों को भी शामिल कर लिया है, जो स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चों के साथ जा रहे होंगे। हालांकि सरकार इस बात का हल नहीं निकाल पाई कि बच्चों को स्कूल छोड़कर आ रही या छुट्टी के समय उन्हें लेने जा रही कारों में सवार लोगों को होने वाली समस्या का निपटान कैसे होगा। इस क्रम में सरकार ने कार-पूलिंग का सुझाव दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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