
यमुना नदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल को पार कर गया है, लेकिन खतरे की घंटी अब भी नहीं बजी है. खतरे का निशान 204.83 मीटर है. ताजा रिकॉर्ड किए गए आंकड़े के मुताबिक फिलहाल जलस्तर 204.36 मीटर है. वार्निंग लेवल 204 मीटर पहुंचते ही घोषित हो जाता है.
हरियाणा के हथिनकुंड बैराज से एक लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा
मंगलवार की शाम हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से एक लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसको दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे लगेंगे. इससे पहले एक अगस्त को बैराज से पानी छूटने के बाद यमुना चेतावनी के स्तर को पार कर गया, लेकिन जो पानी कल छोड़ा गया उसके पहुंचने पर भी जलस्तर के 204.45 मीटर तक जाने की आशंका है. फिर भी खतरे का निशान फिलहाल दूर है.
यमुना का जलस्तर अब तक 1978 में सबसे ऊंचा रहा है. उस समय पानी का स्तर 207.49 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. पिछले वर्षों के प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं-
हरियाणा के हथिनकुंड बैराज से एक लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा
मंगलवार की शाम हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से एक लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसको दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे लगेंगे. इससे पहले एक अगस्त को बैराज से पानी छूटने के बाद यमुना चेतावनी के स्तर को पार कर गया, लेकिन जो पानी कल छोड़ा गया उसके पहुंचने पर भी जलस्तर के 204.45 मीटर तक जाने की आशंका है. फिर भी खतरे का निशान फिलहाल दूर है.
यमुना का जलस्तर अब तक 1978 में सबसे ऊंचा रहा है. उस समय पानी का स्तर 207.49 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. पिछले वर्षों के प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं-
- 2013 में 207.32 मीटर
- 2010 में 207.11 मीटर
- 2008 में 206 मीटर
- 1998 में 206.18 मीटर
- 1995 में 206.93 मीटर
- 1988 में 206.92 मीटर
- 1978 में 207.49 मीटर
- 1976 में 206.60 मीटर
- 1971 में 206.28 मीटर
- 1967 में 206.19 मीटर
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