प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने आज ओखला विहार से कालकाजी मंदिर खंड के बीच तक भावी जनकपुरी पश्चिम - बॉटनिकल गार्डन लाइन का ट्रायल रन आरंभ किया. इस खंड में ट्रायल रन की शुरूआत के साथ अब कालिंदी कुंज से कालकाजी मंदिर तक 9.5 किलोमीटर के हिस्से पर ट्रायल शुरू हो गया है.
जून की शुरुआत में इस लाइन के कालिंदी कुंज और ओखला विहार स्टेवशनों के बीच शुरुआती ट्रायल रन किया गया था. दिल्ली मेट्रो की यूटीओ (अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन) से चलने वाली ट्रेन अब इस लाइन पर चलाई जाएगी. इस नई ट्रेन में ऑटोमेशन के उत्कृष्ट स्तर के साथ इसका सघन ट्रायल इन स्टेशनों के बीच करना सुनिश्चित किया जाएगा ताकि इन्हें लाइन की कमिशनिंग के बाद यहां आसानी से चलाया जा सके. शुरुआत में ट्रेन ऑपरेटर इस ट्रेन को चलाएंगे, किंतु धीरे-धीरे ड्राइवर रहित ऑपरेशन (यूटीओ मोड पर) चलन में लाया जाएगा.
इन ट्रायलों के दौरान मेट्रो ट्रेन के इंटरफेस की जांच से सुनिश्चित की जाएगी कि ट्रैक पर ट्रेन के आवागमन के दौरान सिविल संरचना में कोई भौतिक बाधा नहीं है और कोच के विभिन्ने सब सिस्टम की भी जांच की जाएगी. आगे चलकर, चरणों में इस लाइन पर नई सिग्नलिंग तकनीक का कार्यान्वयन किया जाएगा और संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) की सघन जांच भी की जाएगी. इन ट्रायल के दौरान विभिन्न गतियों पर ट्रेन की गतिविधि और ट्रेन के ब्रेक तथा ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) के साथ इंटर कनेक्शन की निगरानी की जाएगी. ट्रैक प्रणाली का व्यवहार और ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) को समय-समय पर जांचा जाएगा.
कालिंदी कुंज से कालाकाजी मंदिर तक के खंड के बीच 7 एलिवेटिड स्टेशन हैं - कालिंदी कुंज, जसोला विहार, शाहीन बाग, ओखला विहार, जामिया मिलिया इस्लामिया, सुखदेव विहार, ओखला एनएसआईसी और कालकाजी मंदिर. इन सभी स्टेशनों पर सिविल कार्य पूरा हो गया है और फिनिशिंग की गतिविधियां जारी हैं. क्रमिक रूप से यह ट्रायल रन पूरी लाइन के अन्य हिस्सों में बढ़ाए जाएंगे.
कालिंदी कुंज में एक डिपो बनाया गया है जो जनकपुरी पश्चिम - बॉटनिकल गार्डन लाइन के लिए होगा. यह डिपो इंजीनियरिंग की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके स्टेंबलिंग शेड को एक अलग डेक पर ऊंचा बनाया जाएगा, जिसे आगे चलकर सोलर पैनल से कवर किया जाएगा. दिल्ली मेट्रो फेज़-3 के अपने सभी कोरिडोर के सिविल कार्यों को धीरे-धीरे पूरा करने की दिशा में प्रगति कर रही है. कल दिल्ली मेट्रो के आईटीओ - कश्मीरी गेट खंड पर ट्रायल रन शुरू किया गया था.
जून की शुरुआत में इस लाइन के कालिंदी कुंज और ओखला विहार स्टेवशनों के बीच शुरुआती ट्रायल रन किया गया था. दिल्ली मेट्रो की यूटीओ (अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन) से चलने वाली ट्रेन अब इस लाइन पर चलाई जाएगी. इस नई ट्रेन में ऑटोमेशन के उत्कृष्ट स्तर के साथ इसका सघन ट्रायल इन स्टेशनों के बीच करना सुनिश्चित किया जाएगा ताकि इन्हें लाइन की कमिशनिंग के बाद यहां आसानी से चलाया जा सके. शुरुआत में ट्रेन ऑपरेटर इस ट्रेन को चलाएंगे, किंतु धीरे-धीरे ड्राइवर रहित ऑपरेशन (यूटीओ मोड पर) चलन में लाया जाएगा.
इन ट्रायलों के दौरान मेट्रो ट्रेन के इंटरफेस की जांच से सुनिश्चित की जाएगी कि ट्रैक पर ट्रेन के आवागमन के दौरान सिविल संरचना में कोई भौतिक बाधा नहीं है और कोच के विभिन्ने सब सिस्टम की भी जांच की जाएगी. आगे चलकर, चरणों में इस लाइन पर नई सिग्नलिंग तकनीक का कार्यान्वयन किया जाएगा और संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) की सघन जांच भी की जाएगी. इन ट्रायल के दौरान विभिन्न गतियों पर ट्रेन की गतिविधि और ट्रेन के ब्रेक तथा ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) के साथ इंटर कनेक्शन की निगरानी की जाएगी. ट्रैक प्रणाली का व्यवहार और ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) को समय-समय पर जांचा जाएगा.
कालिंदी कुंज से कालाकाजी मंदिर तक के खंड के बीच 7 एलिवेटिड स्टेशन हैं - कालिंदी कुंज, जसोला विहार, शाहीन बाग, ओखला विहार, जामिया मिलिया इस्लामिया, सुखदेव विहार, ओखला एनएसआईसी और कालकाजी मंदिर. इन सभी स्टेशनों पर सिविल कार्य पूरा हो गया है और फिनिशिंग की गतिविधियां जारी हैं. क्रमिक रूप से यह ट्रायल रन पूरी लाइन के अन्य हिस्सों में बढ़ाए जाएंगे.
कालिंदी कुंज में एक डिपो बनाया गया है जो जनकपुरी पश्चिम - बॉटनिकल गार्डन लाइन के लिए होगा. यह डिपो इंजीनियरिंग की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके स्टेंबलिंग शेड को एक अलग डेक पर ऊंचा बनाया जाएगा, जिसे आगे चलकर सोलर पैनल से कवर किया जाएगा. दिल्ली मेट्रो फेज़-3 के अपने सभी कोरिडोर के सिविल कार्यों को धीरे-धीरे पूरा करने की दिशा में प्रगति कर रही है. कल दिल्ली मेट्रो के आईटीओ - कश्मीरी गेट खंड पर ट्रायल रन शुरू किया गया था.
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