
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेट्रो स्टेशनों के निकट स्थित अवैध धार्मिक ढाचों को हटाने को लेकर दायर की गई याचिका के संबंध में डीडीए और नगर निकायों से जवाब मांगा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने जमीन का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसी और नगर निकायों को नोटिस जारी करके स्थिति रिपोर्ट तलब की है.
इस समिति की सिफारिशें मानी गईं तो जनवरी-2019 में फिर बढ़ सकता है दिल्ली मेट्रो का किराया...
अदालत ने अधिकारियों से सार्वजनिक जमीन और मेट्रो स्टेशन के निकट अतिक्रमण नहीं होने को भी सुनिश्चित करने को कहा है. अदालत ने एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई (10 अप्रैल) से पहले इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दायर करें.
गैर सरकारी संगठन फाइट फॉर ह्यूमन राइट्स ने इस संबंध में याचिक डाली थी. याचिका में निर्माण विहार और सरिता विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे स्थित अवैध धार्मिक ढांचे को तत्काल हटाने की मांग की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि डिफेंस कालोनी में बस स्टॉप के निकट अवैध तरीके से मंदिर बनाया गया है.
VIDEO : किराया बढ़ने के बाद कम हुए दिल्ली मेट्रो के यात्री
इसमें कहा गया है कि अवैध ढांचों की वजह से पैदल यात्रियों और वाहनों को आने-जाने में दिक्कत होती है.
इस समिति की सिफारिशें मानी गईं तो जनवरी-2019 में फिर बढ़ सकता है दिल्ली मेट्रो का किराया...
अदालत ने अधिकारियों से सार्वजनिक जमीन और मेट्रो स्टेशन के निकट अतिक्रमण नहीं होने को भी सुनिश्चित करने को कहा है. अदालत ने एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई (10 अप्रैल) से पहले इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दायर करें.
गैर सरकारी संगठन फाइट फॉर ह्यूमन राइट्स ने इस संबंध में याचिक डाली थी. याचिका में निर्माण विहार और सरिता विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे स्थित अवैध धार्मिक ढांचे को तत्काल हटाने की मांग की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि डिफेंस कालोनी में बस स्टॉप के निकट अवैध तरीके से मंदिर बनाया गया है.
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इसमें कहा गया है कि अवैध ढांचों की वजह से पैदल यात्रियों और वाहनों को आने-जाने में दिक्कत होती है.
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